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बजट सत्र: राहुल गांधी का कृषि कानूनों की वापसी को लेकर संसद परिसर में धरना

राहुल गांधी ने बजट सत्र के पहले दिन संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया. इससे पहले कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुल 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया.

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प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी (PTI फोटो)
प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी (PTI फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अभिभाषण के दौरान कांग्रेस सांसद का हंगामा
  • राहुल के नेतृत्व में कांग्रेसी सांसदों का धरना
  • अन्य विपक्षी दलों का भी बहिष्कार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट सत्र के पहले दिन संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया. इससे पहले कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुल 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया.

राहुल के नेतृत्व में कांग्रेसी सांसदों का धरना
कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर संसद परिसर के भीतर महात्मा गांधी के स्टैचू पर धरना प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी सांसदों का नेतृत्व किया.

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अभिभाषण का बहिष्कार राष्ट्रपति का अपमान नहीं
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार उनका अपमान करना नहीं है. हम किसानों के साथ खड़े हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की यह सबसे बड़ी वजह है. हम अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेंगे’

अन्य विपक्षी दल का भी बहिष्कार
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े विपक्ष में आज एकजुटता दिखी. कुल 19 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया. कांग्रेस और 15 विपक्षी दलों ने एक साथ अपना विरोध दर्ज कराया. जबकि शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने भी अलग-अलग राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया. बहुजन समाजवादी पार्टी ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया.

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अभिभाषण के दौरान कांग्रेस सांसद का हंगामा
राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस की तरफ से अकेले सांसद रवनीत सिंह बिट्टू सेंट्रल हॉल में आए. थोड़ी देर उन्होंने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना और उसके बाद खड़े होकर तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी कानून को लेकर के आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों कानून रद्द करने चाहिए और एमएसपी गारंटी कानून बनाना चाहिए उसके बाद वह सदन से बाहर निकल गए.

 

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