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कृषि कानूनों की तारीफ, लाल किला हिंसा की निंदा, पढ़ें- राष्ट्रपति कोविंद ने अभिभाषण में क्या कहा

कोरोना काल और किसानों के आंदोलन के बीच संसद के बजट सत्र की आज से शुरुआत हो रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से सत्र का आगाज हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए कार्यो को गिनाया. 

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राष्ट्रपति के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत
  • राष्ट्रपति कोविंद ने लालकिला हिंसा की निंदा की
  • रामनाथ कोविंद ने सरकार के कृषि कानूनों की तारीफ की

कोरोना काल और किसानों के आंदोलन के बीच संसद के बजट सत्र की आज से शुरुआत हो रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से सत्र का आगाज हो रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए कार्यो को गिनाया. उन्होंने 26 जनवरी को लालकिले में हुई हिंसा की निंदा की तो वहीं केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की तारीफ की. 

अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है. हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ. संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए. मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

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'किसानों के हितों के लिए सरकार गंभीर'

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि किसानों के हितों के लिए सरकार गंभीर है. मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था. मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है, बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है. 

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राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो.

'सरकार के फैसलों से लाखों लोगों का जीवन बचा'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल भारत में निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक का जीवन स्तर ऊपर उठाने तथा देश का आत्मविश्वास बढ़ाने का भी अभियान है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुझे संतोष है कि कोरोना काल में मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है. अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े.

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है. रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है. इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं. संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं.

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कृषि कानूनों की तारीफ

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कृषि कानूनों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं.

उन्होंने कहा कि इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ.  छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था. वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.

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26 जनवरी की घटना पर क्या बोले

राष्ट्रपति ने दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा की निंदा की. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.


 

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