बैरकपुर सीट से सांसद अर्जुन सिंह ने बीजेपी छोड़कर अपने पुराने घर TMC में वापसी कर ली है. हालांकि इसे लेकर अटकलें तो कई महीनों से लगनी शुरू हो गई थीं, जब अर्जुन सिंह ने जूट उद्योग को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधा था. साथ ही ममता बनर्जी की तारीफ शुरू कर दी थी.अब एक सवाल ये भी है कि अर्जुन सिंह ने किन वजहों से पार्टी छोड़ी. बीजेपी को इससे क्या नुकसान होगा और टीएमसी को क्या फायदा हुआ. इसकी तह में कई बातें हैं.
बता दें कि अर्जुन सिंह की बीजेपी से नाराज़गी की शुरुआत पिछले साल जुलाई में शुरू हो गई थी, जब पार्टी ने निशीथ प्रमाणिक और शांतनु ठाकुर को केंद्र में मंत्री बनाया था. सूत्रों की मानें तो अर्जुन सिंह केंद्र में मंत्री बनाए जाने को लेकर काफी आश्वस्त थे और बंगाल में बीजेपी के कई नेताओं को यकीन था कि अर्जुन सिंह को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. लेकिन अर्जुन सिंह को मंत्रिमंडल में जगह तो नहीं मिली, बल्कि बंगाल में भी पार्टी के कामों में अर्जुन का महत्व धीरे-धीरे कम होने लगा. साथ ही पिछले कई महीनों में अर्जुन सिंह के खिलाफ बंगाल पुलिस ने कई मामले दर्ज कर लिए.
बैरकपुर के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह के खिलाफ उनके ही इलाके में TMC ने मुश्किलें पैदा करना शुरू कर दिया था. इसके बाद TMC और अर्जुन सिंह के बीच दोबारा संपर्क स्थापित होने लगा. लिहाजा अर्जुन ने भी घर वापसी की कोशिश शुरू कर दी.
TMC को क्या फायदा और बीजेपी को क्या नुकसान?
अर्जुन सिंह के टीएमसी में शामिल होने के बाद बैरकपुर लोकसभा सीट तृणमूल कांग्रेस के लिए सुरक्षित हो गई है. पिछले लोकसभा चुनाव में अर्जुन सिंह बैरकपुर से चुनाव जीते थे, इस इलाके में जूट मिल वर्कर का बहुत बड़ा वोट बैंक हैं, जिसका बड़ा हिस्सा अर्जुन सिंह के पक्ष में है. ऐसे में अर्जुन सिंह अगर 2024 में बैरकपुर सीट से TMC के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं, तो उनकी जीत तय मानी जा रही है.
इसके अलावा अर्जुन सिंह के TMC से जुड़ने पर सिर्फ बैरकपुर ही नहीं, बल्कि उत्तर 24 परगना में भी भी TMC की स्थिति मजबूत होती दिख रही है. वहीं अर्जुन सिंह के जाने से भाजपा को उत्तर 24 परगना में जबरदस्त झटका लग सकता है. खास तौर पर भाजपा के हिंदीभाषी वोटर्स अर्जुन सिंह के साथ टीएमसी में वापस चले जाएंगे.