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उपचुनाव: राजस्थान में गहलोत तो एमपी-उत्तराखंड में बीजेपी की साख दांव पर

राजस्थान की तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख दांव पर लगी है. इसके अलावा कर्नाटक की दो विधानसभा जबकि मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मिजोरम, नागालैंड और ओडिशा की एक-एक सीट पर चुनाव हो रहे हैं. इनमें से ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है.

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कांग्रेस और बीजेपी
कांग्रेस और बीजेपी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान उपचुनाव गहलोत का लिटमस टेस्ट
  • उत्तराखंड का चुनाव तीरथ सिंह रावत के लिए अग्निपरीक्षा
  • झारखंड में मंत्री की कुर्सी बचाने के लिए जीतना होगा उपचुनाव

देश के 12 राज्यों में 14 विधासनभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 17 अप्रैल को वोटिंग होनी है. राजस्थान की तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख दांव पर लगी है. इसके अलावा कर्नाटक की दो विधानसभा जबकि मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मिजोरम, नागालैंड और ओडिशा की एक-एक सीट पर चुनाव हो रहे हैं. वहीं, इसी के साथ कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की एक-एक लोकसभा सीट पर वोटिंग होगी, जहां सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. 

राजस्थान में गहलोत का लिटमस टेस्ट
राजस्थान में सहाड़ा, सुजानगढ और राजसमंद सीट उपचुनाव हो रहे हैं, जिनमें से इन 3 सीटों में से 2 पर कांग्रेस और 1 पर कब्जा था. राजसमंद सीट बीजेपी विधायक किरण माहेश्वरी के निधन से रिक्त हुई है जबकि सहाड़ा सीट से कांग्रेस के विधायक कैलाश त्रिवेदी और सुजानगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के चलते उपचुनाव हो रहे हैं.

सहाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने गायत्री देवी को उतारा है तो बीजेपी ने पूर्व विधायक और बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ रतनलाल जाट को प्रत्याशी बनाया है. राजसमंद विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने तनसुख बोहरा को प्रत्याशी बनाया है तो बीजेपी ने दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को उतारा है. सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने मनोज मेघवाल को मैदान में उतारा है जबकि बीजेपी ने पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल को प्रत्याशी बनाया है. इस तरह से गहलोत सरकार की साख दांव पर लगी हुई है जबकि बीजेपी ने अपनी वापसी के लिए पूरी ताकत लगा दी है. 

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उत्तराखंड में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती
उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले 17 अप्रैल को अल्मोड़ा जिले की सल्ट सीट पर हो रहे उपचुनाव काफी अहम माना जा रहा है. बीजेपी के विधायक सुरेंद्र जीना के निधन के बाद खाली हुई सीट पर बीजेपी ने उन्हीं के भाई महेश जीना को मैदान में उतारा है. बीजेपी सहानुभूति के सहारे इस सीट पर जीत की उम्मीद लगाए हुए है, लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से गंगा पंचोली को एक बार फिर से उतारा है. 2016 के चुनाव में पंचोली बहुत मामूली वोटों से हार गई थीं, इसके बाद भी वह सक्रिय रहीं और अब उपचुनाव मैदान में उतरकर बीजेपी के लिए चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में हाल ही में मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत के लिए उपचुनाव के नतीजे काफी अहम माने जा रहे हैं. 

एमपी की दमोह सीट शिवराज की साख दांव
मध्य प्रदेश में दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. कांग्रेस के विधायक रहे राहुल सिंह लोधी के बीजेपी में शामिल होने के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है. ऐसे में बीजेपी ने इस सीट पर राहुल सिंह को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने दमोह जिला कमेटी के अध्यक्ष अजय टंडन पर दांव लगाया है. यह सीट जीतने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है.  

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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मुख्ममंत्री कमलनाथ ने भी दमोह सीट पर में डेरा जमा रखा है. दोनों नेता अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को पक्ष में लगातार प्रचार कर रहे हैं. प्रचार के बीच दमोह से एक नयी सियासी तस्वीर सामने आई है. शिवराज सिंह चौहान से लेकर बीजेपी के बड़े नेता प्रचार कर राहुल लोधी को जिताने की अपील कर चुके है जबकि कांग्रेस ने भी जबरदस्त चक्रव्यूह रच रखा है. ऐसे में देखना है कि कौन सियासी बाजी मारता है. 

हेमंत सरकार की मंत्री की कुर्सी दांव पर  
झारखंड की मधुपुर सीट पर जेएमएम और बीजेपी के सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के बीच टक्कर है. जेएमएम विधायक और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद से यह सीट खाली है, जिसके चलते उपचुनाव हो रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अंसारी के बेटे हफीजुल हसन को अल्पसंख्यक मंत्री बनाकर अपनी कैबिनेट में शामिल कर रखा है, जिसके लिए उन्हें मधुपुर सीट से जीत दर्ज करना एक चुनौती है. जेएमएम प्रत्याशी हफीजुल हसन के खिलाफ बीजेपी ने गंगा नारायण सिंह को प्रत्याशी बना रखा है. सिंह आजसू छोड़कर बीजेपी में आए हैं. 

मोरवा हदफ सीट पर कांटे की टक्कर
गुजरात की मोरवा हदफ सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भूपेंद्र खांट को 2017 विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी. साल 2019 में गुजरात विधानसभा स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने खांट को अयोग्य करार दिया था. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.भाजपा के निमिषबेन सुथार जबकि कांग्रेस के सुरेश कटारा को मैदान में उतार रखा है. ऐसे में दोनों के बीच कांटे का टक्कर मानी जा रही है. 

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वहीं, महाराष्ट्र की पंढरपुर, कर्नाटक की बसवकल्याण और मस्की, मिजोरम, सेरछिप, नगालैंड की  नोकसेन, ओडिशा की पिपिली और तेलंगाना नागार्जुन सागर सीट पर उपचुनाव हैं. इनके साथ ही कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में लोकसभा की एक-एक सीट सियासी घमासान मचा हुआ है.  ऐसे में देखना है कि इन सीटों पर कौन बाजी मारता है. 

 

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