दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा गर्व की बात है. हमने रामराज्य से प्रेरण लेकर ही दिल्ली में सबके लि काम किया. सीएम केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित दिल्ली सरकार के गणतंत्र दिवस समारोह में यह बात कही.
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा,'22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई. यह पूरे विश्व के लिए बेहद गर्व और खुशी की बात है. लोगों ने चारों तरफ खूब उत्सव मनाया. हमें रामलला के संदेश को अपने जीवन में शामिल करने की जरूरत है.'
राज्य अभिषेक वाले प्रसंग का किया जिक्र
उन्होंने रामायण की कथा के प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा,'अगले दिन सुबह भगवान राम का राज्य अभिषेक होने वाला था. अयोध्या में तैयारी पूरी थी, अयोध्या वाले खुश थे कि भगवान राम अयोध्या के राजा बनेंगे. अचानक शाम को भगवान राम के पास संदेश आता है कि दशरथ आपको बुला रहे हैं. रामलला कमरे में देखते हैं कि दशरथ बहुत दुखी हैं.'
त्याग से पीछे नहीं हटना चाहिए: केजरीवाल
कथा का वर्णन जारी रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,'कैकयी ने दो शर्त रखीं, पहली की भगवान राम को 14 वर्ष के लिए वनवास जाना होगा और दूसरा कि भरत को राजा बनाया जाएगा. भगवान राम ने दशरथ से कहा कि आपके वचन का पालन होगा. बिना किसी दुख के चेहरे पर मुस्कान लिए भगवान राम ने 14 साल के वनवास के लिए विदा ली. इससे शिक्षा मिलती है कि हमें त्याग करने से पीछे नहीं हटना चाहिए.'
राजपाठ के लिए नहीं लड़े भरत और राम
उन्होंने आगे कहा कि भरत और राम राजपाठ के लिए नहीं लड़े. लेकिन आज के जमाने में दो भाई राम का नाम जपते हैं और जमीन के लिए लड़ते हैं. सीएम ने यह भी कहा कि भगवान राम ने कभी जाति के नाम पर भेदभाव नहीं किया.