सुप्रिया सुले के बाद अब एनसीपी चीफ शरद पवार ने दावा किया कि उनकी पार्टी में कोई फूट नहीं पड़ी है. शरद पवार ने बारामती में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इसमें कोई मतभेद नहीं है कि अजित पवार पार्टी के नेता हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने 'अलग राजनीतिक रुख' अपनाकर एनसीपी छोड़ी है, लेकिन इसे फूट नहीं कहा जा सकता. हालांकि, बाद में शरद पवार ने यूटर्न लेते हुए कहा, मेरे बयान का अलग मतलब न निकालें.
इससे पहले गुरुवार को बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था, एनसीपी में टूट नहीं हुई है. बस हमारी पार्टी के कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड लिया है. हमने इस बारे में विधानसभा स्पीकर से भी शिकायत की है. अजित पवार हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने अलग स्टैंड लिया है. शरद पवार हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जयंत पाटिल प्रदेश अध्यक्ष हैं.
जब अजित पवार से सुप्रिया सुले के बयान के बारे में पूछा गया तो शरद पवार ने कहा, हां इस बारे में कोई सवाल नहीं है. कोई ये कैसे कह सकता है कि NCP में फूट पड़ी है. इसमें कोई सवाल नहीं है कि अजित पवार हमारी पार्टी के नेता हैं.
शरद पवार ने कहा, किसी राजनीतिक दल में फूट का मतलब क्या है? फूट तब होती है जब किसी पार्टी का एक बड़ा समूह राष्ट्रीय स्तर पर अलग हो जाता है. लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है. कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी, कुछ ने अलग रुख अपना लिया. लोकतंत्र में निर्णय लेना उनका अधिकार है.
चौंकाने वाला है शरद पवार और सुप्रिया का दावा
दरअसल, 2 जुलाई को एनसीपी नेता अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी थी. वे एनसीपी के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में हो गए थे. अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, जबकि 8 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली थी. अजित ने दावा किया कि उनके पास 40 एनसीपी विधायकों का समर्थन है. इसके बाद अजित और शरद पवार खेमे में असली एनसीपी की जंग छिड़ गई. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों ने एनसीपी पर अपना अपना दावा ठोका है.
अजित से मुलाकातें जारीं, बीजेपी के साथ आने के लिए भी कर रहे मना
अजित पवार भले ही बगावत कर सरकार में शामिल हो गए हों, लेकिन शरद पवार से मुलाकातों का दौर जारी है. बगावत के बाद दोनों के बीच चार बार मुलाकात हुई है. पिछली सीक्रेट मीटिंग पुणे में बिजनेसमैन के घर पर हुई थी. इस मुलाकात ने कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) को भी असहज कर दिया था. एमवीए में एनसीपी की सहयोगी दोनों पार्टियों से शरद पवार से इस मीटिंग पर रुख साफ करने के लिए कहा था. हालांकि, शरद पवार ने इसे पारिवारिक मुलाकात बताया था. उन्होंने कहा था कि वे बीजेपी के साथ कभी नहीं जाएंगे.
मोदी और फडणवीस के साथ भी मंच कर चुके साझा
जहां एक ओर शरद पवार 2024 में बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी महागठबंधन INDIA की बैठकों में शामिल हो रहे हैं, तो दूसरी ओर अजित की बगावत के बाद उन्हें पीएम मोदी और देवेंद्र फडणवीस के साथ मंच साझा करने में भी गुरेज नहीं हुआ. पीएम मोदी के साथ शरद पवार के मंच साझा करने को लेकर महाविकास अघाड़ी में जमकर बवाल भी हुआ था.
क्या है शरद पवार की रणनीति?
चुनाव आयोग तक लड़ाई पहुंच जाने के बावजूद शरद पवार और सुप्रिया सुले दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी में कोई फूट नहीं है और अजित पवार एनसीपी के नेता हैं. माना जा रहा है कि इन बयानों के पीछे शरद पवार की सोची समझी रणनीति है. शरद पवार नहीं चाहते कि उनकी पार्टी में और टूट हो. इतना ही नहीं पवार वोटर्स और जमीनी कार्यकर्ताओं में लगातार संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि पवार परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा है. इतना ही नहीं शरद पवार के बयानों से बीजेपी और विपक्ष दोनों कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं. माना जा रहा है कि शरद पवार 2024 लोकसभा चुनाव के बाद ही अपने पत्ते खोलेंगे.
बीजेपी को जगी उम्मीद, कांग्रेस बता रही रणनीति
वहीं, शरद पवार और सुप्रिया सुले के बयान के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत बावनकुले ने कहा, लोकसभा 2024 के पहले शरद पवार जी का मन परिवर्तन होगा और वह मोदी जी के विकास के साथ आएंगे.
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने शरद पवार के बयान पर कहा कि वे कन्फ्यूजन न बढ़ाएं. हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, हो सकता है चुनाव आयोग के सामने जाने को लेकर इस तरह से शरद पवार ने जो बोला है वह उनकी रणनीति का हिस्सा हो. लेकिन आने वाले समय में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
उधर, अजित पवार खेमे के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि शरद पवार हमारे नेता हैं और हमेशा रहेंगे. भले ही हमारा राजनीतिक रुख अलग हो, शरद पवार के प्रति सम्मान हमेशा एक समान रहेगा. वह हमारे लिए देवता की तरह हैं.
शरद पवार के बयान अजित खेमे के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि शरद पवार हमारे भगवान है. आज ऐसा लग रहा है कि उन्होंने हमें आशीर्वाद दे दिया है.
पवार का यूटर्न
हालांकि, बाद में शरद पवार ने अब कहा है कि मैंने नहीं कहा कि अजित पवार हमारे नेता है. मेरे बयान के अलग मतलब न निकालें. सुप्रिया ने सिर्फ कहा था कि अजित उनके भाई है. हमारी पार्टी विभाजित नहीं है. मैंने अजित पवार को 2019 में मौका दिया था. लेकिन अब उसे कोई मौका नहीं मिलेगा.