नाम बदलने के लिहाज से साल 2018 को हमेशा याद रखा जाएगा. इस साल कई महत्वपूर्ण शहरों के नाम बदल दिए गए. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शहरों के नाम बदल डाले, और अभी ये सिलसिला थमा नहीं है. हमने ऐसे शहरों की एक लिस्ट तैयार की है, जिनके या तो नाम बदल दिए गए या फिर बदलने की मांग हो रही है. (Photo: AP)
मुगलसराय जंक्शन हुआ पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन
योगी सरकार ने सबसे पहले मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया. जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय मुगलसराय रेलवे यार्ड में 11 फरवरी 1968 को मृत पाए गए थे, बीजेपी का तर्क है कि उनकी यादें इस जगह से जुड़ी हैं. बता दें, 15 मई 2018 को केन्द्र सरकार ने जंक्शन का नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर किए जाने को हरी झंडी दे दी थी. (Photo: File)
इलाहाबाद से प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 अक्टूबर को इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया. कुछ समय पहले जब वह इलाहाबाद आए थे, तभी उन्होंने इस शहर के नाम बदलने के संकेत दिए थे. तीन नदियों (त्रिवेणी) के संगम के रूप में इलाहाबाद मशहूर रहा है. यहां पर गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी का संगम है. प्राचीन काल में इसे प्रयाग के नाम से जाता था, जिसे अकबर ने बदलकर इलाहाबाद कर दिया. (Photo: File)
फैजाबाद हुआ अयोध्या
दिवाली से ठीक एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने का ऐलान कर दिया. योगी ने कहा कि उनकी सरकार में अयोध्या के साथ अन्याय नहीं होगा, अयोध्या हमारी आन-बान और शान है. (Photo: File)
मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग
इस बीच मुजफ्फरनगर जिले का भी नाम
बदलने की मांग तेज हो गई है. बीजेपी विधायक संगीत सोम ने मुजफ्फरनगर का नाम
लक्ष्मीनगर रखने की मांग की है. संगीत सोम का कहना है कि मुगलों ने यहां
की संस्कृति को मिटाने का काम किया है, खासकर हिंदुत्व को मिटाने का काम
किया है, हमलोग उसी संस्कृति को बचाने में जुटे हैं. (Photo: File)
लखनऊ का नाम भी बदलने की मांग
इंडिया टुडे स्टेट ऑफ स्टेट्स बिहार मंच पर राज्य के गवर्नर लालजी टंडन ने बताया कि जब अंग्रेजों ने लखनऊ पर कब्जा कर लिया तो नाचते हुए कहा था कि 'लक नाउ' यानी आज हमारा भाग्य जग गया, और Luck Now ही बाद में लखनऊ बन गया. उन्होंने कहा कि लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि लखनऊ को लक्ष्मण ने बसाया था. (Photo: File)
अहमदाबाद का भी बदलेगा नाम
गुजरात के मशहूर शहर अहमदाबाद का भी नाम बदलने की कार्यवाही शुरू हो गई है. गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का कहना है कि लंबे समय से अहमदाबाद का नाम बदलने की मांग हो रही थी. लोगों की मांग थी कि इस शहर का नाम कर्णावती रखा जाए. अहमदाबाद के लोगों को कर्णावती नाम पसंद है. उचित समय आने पर अहमदाबाद का नाम बदल दिया जाएगा. इस शहर की बुनियाद सन् 1411 में डाली गई थी. शहर का नाम सुलतान अहमद शाह पर पड़ा था. (Photo: File)
हैदराबाद हो जाएगा भाग्यनगर?
हैदराबाद से बीजेपी के निवर्तमान विधायक टी राजा का कहना है कि अगर सत्ता में बीजेपी आई तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर रख दिया जाएगा. एक बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजा सिंह ने ये बात कही थी. उन्होंने कहा कि हैदराबाद के साथ-साथ बीजेपी सिकंदराबाद और करीमनगर के भी नाम बदल देगी. (Photo: File)
गुड़गांव हुआ गुरुग्राम
योगी सरकार ही नहीं, हरियाणा की खट्टर सरकार भी नाम बदलने में पीछे नहीं है. अप्रैल 2016 में साइबर सिटी गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया. दावा किया गया कि यह द्रोणाचार्य का शहर है, इसलिए गुरुग्राम नाम ज्यादा अच्छा होगा. गुड़गांव में एक मेट्रो स्टेशन का नाम भी द्रोणाचार्य स्टेशन है. यही नहीं, हरियाणा सरकार ने यमुनानगर जिले के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर सरस्वती नगर रख दिया. इसके पीछे ये तर्क था कि यहां से सरस्वती नदी बहती थी. (Photo: File)
औरंगाबाद और उस्मानाबाद भी रडार पर
वहीं इस बीच अब महाराष्ट्र से भी औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदले जाने की मांग उठने लगी है. शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने की मांग की है. शिवसेना नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूछा है क्या उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला जाएगा? (Photo: File)
रेस कोर्स रोड से लोक कल्याण मार्ग
सितंबर 2016 में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएसमी) ने 'रेस कोर्स रोड' का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग रख दिया. साथ ही मेट्रो स्टेशन का नाम भी बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया. यहीं भारत के प्रधानमंत्री का निवास भी है. इसी कड़ी में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर पूर्व राष्ट्रपति और डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम के नाम पर रख दिया गया. (Photo: File)
गौरतलब है कि देश में नाम सुधारने या बदलने का सिलसिला पिछले कई वर्षों से विशेषकर बीजेपी शासन में जारी है. बहुत पहले कलकत्ता, बंबई, मद्रास और त्रिवेंद्रम का नाम बदलकर क्रमशः कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और तिरुअनंतपुरम किया गया था. (Photo: getty)