देश में कुदरत का कहर जारी है. मूसलाधार बारिश से पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ आ गई है. उत्तराखंड, बिहार, यूपी समेत अन्य राज्यों में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. एक ओर बिहार में 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. तो वहीं नदियां उफान पर है.
नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश और सीमांचल के जिलों में भी हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
गौरतलब है कि इलाके में हो रही लगातार बारिश की वजह से किशनगंज जिले में त्राहिमाम मचा हुआ है. एक तरफ जहां सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है, वहीं शहरी इलाकों में भी दो से 3 फुट पानी भरा हुआ है. किशनगंज के सबसे प्रभावित इलाकों में कोचाधामन, ठाकुरगंज और दिघलबैंक प्रखंड है.
बता दें कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. NDRF की टीमें भी राहत एवं बचाव कार्य में लगी है.
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राज्य के प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बाढ़ की स्थिति पर बात की और केंद्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया.
वहीं असम में बाढ़ की स्थिति खराब होने के चलते 10 और लोगों की मौत हुई है, जहां 21 जिलों में 22.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और बचाव के लिए सेना को बुलाया गया है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी भूस्खलन की चपेट में आने से कई लोगों की जान चली गई. हादसा इतना भयानक है कि अभी और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि रविवार देर शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहत बचाव का काम रोक दिया गया है.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला उप-संभाग में सोमवार तड़के बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में छह लोगों की मौत हो गई है. छह सैन्यकर्मियों समेत दस लोग लापता हैं.
वहीं उत्तर प्रदेश में भी हालात ठीक नहीं है. बाढ़ के कहर से उत्तर प्रदेश भी अछूता नहीं है. श्रावस्ती, गोंडा, बहराइच, बस्ती बहराइच बाढ़ के कहर से झूझ रहे है.