उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका और अनुच्छेद 142 को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 142 लोकतांत्रिक शक्तियों के विरुद्ध एक परमाणु मिसाइल बन गया है. धनकड़ ने सवाल उठाया कि कैसे न्यायपालिका राष्ट्रपति को निर्देश दे सकती है. यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यपालों और राष्ट्रपति को राज्यों के बिल पर निर्णय लेने की समय सीमा तय करने के बाद आया है.