एनसीईआरटी की पुस्तक में अकबर और टीपू सुल्तान जैसे महत्वपूर्ण मुगल शासकों के सामने ग्रेट शब्द हटाए जाने की घटना ने राजनीति में तीव्र बहस छेड़ दी है. आरएसएस के नेता सुनील आंबेडकर ने इस फैसले की प्रशंसा की है, जबकि विपक्षी दलों ने इस फैसले पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.