ओडिशा की सबसे पुरानी रथ यात्राओं में एक है, मयूरभंज जिले के बारीपदा की रथ यात्रा. इसकी अहमियत पुरी में होने वाली रथ यात्रा के बाद दूसरी मानी जाती है. लिहाजा इसे 'द्वितीया श्रीक्षेत्र' या 'दूसरा पुरी' भी कहते हैं. यहां 1575 से रथ यात्रा हो रही है. सारे पूजा-पाठ वही होते हैं, जो पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर किए जाते हैं.