यह विश्लेषण भारत की वर्तमान वैश्विक स्थिति और उसकी बढ़ती शक्ति पर केंद्रित है. इसमें बताया गया है कि अमेरिका अपनी सैन्य उपस्थिति को पश्चिमी गोलार्ध और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में केंद्रित कर रहा है, जिससे दक्षिण एशिया में उसकी भूमिका कम हो रही है. अमेरिका का मानना है कि भारत और चीन को अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं करना होगा.