अयोध्या के राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धर्म ध्वजा फहराने का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसे भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण के रूप में देखा गया. इस अवसर पर मोदी ने मकौले की शिक्षा नीति से उपजी गुलामी की मानसिकता पर चोट करी और कहा कि अगले दस सालों में भारत इस मानसिकता से पूरी तरह मुक्त होगा. इस कार्यक्रम के बाद अयोध्या की राजनीतिक स्थितियों में भी हलचल आई, जहां विपक्ष ने इस कदम पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दीं.