मिलावटखोर पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष होते हैं. वो ये नहीं देखते हैं कि त्यौहार हिंदुओं का है, मुस्लिमों का है, इसाइयों का है. वो हर त्यौहार से पहले खाने पीने की चीजों में मिलावटखोरी शुरू कर देते हैं, उन्हें किसी का डर नहीं है. नवरात्रि के दौरान दिल्ली और आसपास के शहरों में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए.