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उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश क्यों हो रही है?

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और यूपी के हिस्सों में भारी बारिश का कारण मानसूनी ट्रफ और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का मेल है. मानसूनी ट्रफ निचले स्तर पर नमी इकट्ठा कर रहा है, जबकि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ऊपरी स्तर पर हवा का फैलाव बढ़ाकर बारिश को तीव्र बना रहा है. इससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है.

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कुछ भारतीय राज्यों में क्यों हो रही भारी बारिश. (PTI)
कुछ भारतीय राज्यों में क्यों हो रही भारी बारिश. (PTI)

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हो रही भारी बारिश इन दिनों एक अहम मौसमीय घटना बन गई है. इसके पीछे मुख्य कारण मानसून सिस्टम से जुड़ी विशेष वायुमंडलीय परिस्थितियां हैं.

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस तेज बारिश का सबसे बड़ा कारण है मानसूनी ट्रफ (Monsoon Trough) की वर्तमान स्थिति है. मानसूनी ट्रफ एक लंबा निम्न दबाव वाला क्षेत्र होता है, जो हिमालय की तलहटी के समानांतर फैला रहता है. जब यह ट्रफ किसी इलाके के ऊपर या पास होता है, तो वहां घने बादल और बारिश की संभावना बढ़ जाती है. इसका कारण है कि यह ट्रफ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी से भरपूर हवाओं को आकर्षित करता है, जिससे हवा का ऊपर की ओर उठना (Air Lifting) तेज हो जाता है.

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वर्तमान स्थिति में, इन उत्तरी राज्यों और हिमालयी तलहटी में हवा का ऊपर उठना एक ऊपरी स्तर के ट्रफ, जिसे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) या WD कहा जाता है, से और भी अधिक मजबूत हो रहा है. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ऐसे मौसमीय सिस्टम होते हैं, जो भूमध्यसागर (Mediterranean) क्षेत्र से उत्पन्न होकर पूर्व की ओर बढ़ते हैं और उत्तर भारत में नमी और ठंडी हवा लेकर आते हैं.

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वायुमंडल में डाइवर्जेंस का क्या मतलब है?

यह ऊपरी स्तर का ट्रफ हवा के ऊपर उठने को इसलिए बढ़ा देता है क्योंकि यह उच्च वायुमंडल में हवा के फैलाव (Divergence) को बढ़ाता है, खासकर ट्रफ अक्ष (Trough Axis) के दाहिनी ओर. ऊपरी वायुमंडल में डाइवर्जेंस का मतलब है कि हवा ऊपर के स्तर पर चारों ओर फैल रही है, जिससे नीचे की हवा तेजी से ऊपर उठती है और ठंडी होकर संघनन (Condensation) करती है. इसका परिणाम होता है घने बादलों का बनना और भारी वर्षा.

निचले स्तर पर मौजूद मानसूनी ट्रफ और ऊपरी स्तर के वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का यह मेल अत्यधिक संवहन (Convection) को बढ़ावा देता है और लंबे समय तक भारी बारिश जारी रखता है. इसी कारण उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के आस-पास के क्षेत्रों में लगातार और तेज बारिश हो रही है. इस प्रक्रिया से न केवल बारिश की मात्रा बढ़ रही है, बल्कि इसके साथ ही बाढ़ और भूस्खलन जैसे खतरों का जोखिम भी ज्यादा हो गया है.

मानसूनी ट्रफ और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से मौसम हो रहे खराब

विशेषज्ञों का कहना है कि मानसूनी ट्रफ और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का यह संयोजन मौसम की स्थिति को और जटिल बना देता है. मानसूनी ट्रफ निचले स्तर पर नमी को इकट्ठा करता है, जबकि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ऊपरी स्तर पर हवा के फैलाव को बढ़ाकर बारिश की तीव्रता को दोगुना कर देता है. यही कारण है कि बारिश सामान्य मानसून के मुकाबले ज्यादा भारी और लंबे समय तक जारी रहती है.

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मौसम विभाग के अनुसार, ऐसे हालात में प्रभावित इलाकों में सतर्कता और तैयारी बेहद जरूरी हो जाती है. हिमालयी क्षेत्र पहले से ही संवेदनशील होते हैं, जहां तेज बारिश से अचानक बाढ़ (Flash Floods) और भूस्खलन (Landslides) की घटनाएं बढ़ जाती हैं. वर्तमान में जिस तरह से मानसूनी ट्रफ हिमालय की तलहटी के पास स्थित है, वह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी खींच रहा है. साथ ही, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उच्च वायुमंडल में हवा के फैलाव और उठान को बढ़ावा दे रहा है, जिससे संवहन और वर्षा दोनों की तीव्रता बनी हुई है.

लोगों पर अलर्ट पर रहने की सलाह

इन परिस्थितियों में मौसम वैज्ञानिकों ने प्रभावित राज्यों में प्रशासन और लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के पहाड़ी और नदी किनारे बसे इलाकों में विशेष सतर्कता जरूरी है, क्योंकि वहां जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी और भूस्खलन की आशंका बनी रहती है. यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, जब तक कि मानसूनी ट्रफ अपनी स्थिति बदलकर दक्षिण की ओर नहीं खिसकता और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव कम नहीं हो जाता. तब तक इन इलाकों में लगातार निगरानी और आपदा प्रबंधन (Disaster Management) के उपायों को सक्रिय रखना अनिवार्य होगा.

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