scorecardresearch
 

क्या हैं यम नियम? जिनका रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पालन करेंगे PM मोदी

धर्म शास्त्रों और धार्मिक आयोजनों के विशेषज्ञ पंडित राजकुमार मिश्रा के मुताबिक सिर्फ प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं बल्कि, किसी भी यज्ञ या समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए यम नियम का पालन करने का विधान है.

Advertisement
X
पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यम नियम का पालन करेंगे
पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यम नियम का पालन करेंगे

अयोध्या महोत्सव यानी भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह 22 जनवरी को होगा. महोत्सव के मुख्य यजमान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा कर दी है कि इस भूमिका में आने के लिए उन्होंने यम नियमों का पालन करना शुरू कर दिया है. आइए जानते हैं कि ये यम नियम क्या हैं.

धर्म शास्त्रों और धार्मिक आयोजनों के विशेषज्ञ पंडित राजकुमार मिश्रा के मुताबिक सिर्फ प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं बल्कि, किसी भी यज्ञ या समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए यम नियम का पालन करने का विधान है.

शास्त्रों में अष्टांग योग के 8 अंगों में सबसे पहले यम और फिर नियम की ही व्याख्या है. यम के पांच प्रकार हैं- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह. यानी मन, वचन और कर्म से अहिंसा और सत्य का पालन, अस्तेय यानी चोरी की भावना का त्याग करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करें.

अब पांच नियम भी हैं. इनमें सबसे पहले शुचिता यानी स्वच्छता, संतोष की भावना, तप और जप यानी प्रणव मंत्र का जाप, धर्म शास्त्रों का स्वाध्याय और ईश्वर का प्राणिधान यानी पूर्ण आस्था होनी आवश्यक है. आत्म संयम के इन चरणों यानी पड़ावों को पार कर व्यक्ति दीक्षित होने या यजमान बनकर यज्ञ या अनुष्ठान करने का शास्त्रीय तौर पर अधिकारी हो जाता है.

Advertisement

बता दें कि पीएम मोदी ने कहा था कि आध्यात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला है...उन्होंने जो यम-नियम सुझाए हैं, उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं...ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों का पुण्य स्मरण करता हूं...और जनता-जनार्दन, जो ईश्वर का रूप है, उनसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे आशीर्वाद दें...ताकि मन से, वचन से, कर्म से, मेरी तरफ से कोई कमी ना रहे.

पीएम ने कहा कि मेरा ये सौभाग्य है कि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का आरंभ, मैं नासिक धाम-पंचवटी से कर रहा हूं. पंचवटी, वो पावन धरा है, जहां प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था. और आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंदजी की जन्मजयंती है. ये स्वामी विवेकानंदजी ही थे जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था.'
 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement