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सड़कें बनीं समंदर, नाव में महिलाएं-बच्चे, पीठ पर पालतू जानवर... मणिपुर में बारिश के बाद हाहाकार, 7 तस्वीरें

मणिपुर में भारी बारिश से अब तक 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है, 1,599 लोगों को निकाला गया है और 11.8 हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट हो गई है. राज्य भर में 47 जगहों पर भूस्खलन हुआ है. हालांकि, किसी के मरने या लापता होने की जानकारी अभी तक नहीं मिली है.

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मणिपुर के इंफाल में 2 जून को बारिश के दौरान बाढ़ से निकलने की कोशिश करते नागरिक (तस्वीर: रॉयटर्स)
मणिपुर के इंफाल में 2 जून को बारिश के दौरान बाढ़ से निकलने की कोशिश करते नागरिक (तस्वीर: रॉयटर्स)

भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में पिछले कुछ दिनों लगातार बारिश होने की वजह से लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. राहत एवं आपदा प्रबंधन विभाग के नवीनतम अपडेट के मुताबिक, लगातार बारिश के बाद सूबे के बड़े इलाके बाढ़ से जूझ रहे हैं, जिससे 19,800 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.

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इंफाल ईस्ट में भारी बारिश के बाद 1 जून को बाढ़ग्रस्त इलाके से पालतू जानवरों और सामान को लेकर सुरक्षित जगहों पर जाते लोग (तस्वीर: PTI)

सूबे की प्रमुख नदियां- इंफाल और इरिल उफान पर हैं और कई जगहों पर बांध टूट रहे हैं, जिससे आसपास के इलाकों में पानी भर गया है. मणिपुर में नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर तक थोड़ा कम हो गया है, लेकिन ज्यादातर नदियों में जल स्तर उच्च बाढ़ के निशान से ऊपर बना हुआ है.

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बाढ़ से बचने के लिए जेसीबी में बैठकर सुरक्षित जगहों पर जाते लोग (तस्वीर: रॉयटर्स)

47 जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं

राज्य में अब तक 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है, 1,599 लोगों को निकाला गया है और 11.8 हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट हो गई है. राज्य भर में 47 जगहों पर भूस्खलन हुआ है. हालांकि, किसी के मरने या लापता होने की जानकारी अभी तक नहीं मिली है.

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बाढ़ से बचाने के लिए कुत्ते को बचाकर ले जाती महिला (तस्वीर: PTI)

राज्य सरकार ने विस्थापित नागरिकों को आश्रय देने के लिए 37 राहत शिविर खोले हैं. जल संसाधन विभाग ने जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश में कमी की सूचना दी है, सोमवार को दोपहर 1 बजे तक कांगपोकपी में 11.50 मिमी वर्षा दर्ज की गई. इंफाल में स्थिति गंभीर बनी हुई है क्योंकि नदी के टूटने से खतरा बना हुआ है. नदियों के किनारे टूटने के बाद स्थिति को बहाल करने और बाढ़ को रोकने के लिए आपातकालीन मरम्मत कार्य चल रहे हैं.

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1 जून को इंफाल में भूस्खलन और बाढ़ के बाद सेना के जवान और बचाव दल बाढ़ग्रस्त अस्पताल से मरीजों और चिकित्सा कर्मचारियों को निकालते हुए (तस्वीर: AP)

हॉस्टल में स्टूडेंट्स परेशान

जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) में बाढ़ के पानी ने भूतल के वार्डों को प्रभावित किया है, जिसके कारण मरीजों को क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) और अन्य सुलभ जिला अस्पतालों जैसे नजदीकी सुविधाओं में ले जाया गया है.

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इंफाल ईस्ट जिले में भारी बारिश के बाद 1 जून को बाढ़ग्रस्त जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान से मरीजों को निकालते हुए (तस्वीर: PTI)

जेएनआईएमएस कैंपस के अंदर हॉस्टल्स में रहने वाले स्टूडेंट्स ने हॉस्टल कैंटीन के बंद होने के बाद परेशानियों का सामना करने की बात कही, जिससे उन्हें उचित भोजन और पीने के पानी तक पहुंच नहीं मिल पा रही है.

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रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राज्य पुलिस, सेना के जवान और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमों द्वारा बचाव और राहत की कोशिशें की जा रही हैं. असम राइफल्स (सीओ-33) के कमांडिंग ऑफिसर राधा कृष्ण ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "तत्काल सहायता, जरूरी वस्तुएं और निकासी सहायता प्रदान करने के लिए समन्वित अभियान जारी हैं."

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मणिपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन (तस्वीर: PTI)

उन्होंने कहा कि असम राइफल्स, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और संबंधित राज्य विभागों के कर्मी किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए एक रोडमैप के साथ काम कर रहे हैं. आने वाले दिनों में भी सहयोगात्मक कोशिशें जारी रहेंगी. 

अधिकारियों ने निवासियों से सतर्क रहने और राज्य भर में रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति के दौरान आधिकारिक सलाह का पालन करने की गुजारिश की है.

 
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