पहाड़ से लेकर मैदान तक मूसलाधार बारिश की झड़ी लगी हुई है. उमस भरी गर्मी और तपिश से के बीच हुई ये बारिश पहली दफा तो राहत भरी लगी, लेकिन प्रशासन की अव्यवस्था के कारण जल्दी ही कुदरत की ये नेमत अब भारी पड़ने लगी है. जहां मैदानी इलाकों में कई जगह घर-बाजार, मकान-दुकानों में पानी भरा है, गलियों में चलना मुश्किल है तो वहीं पहाड़ों पर तो जान पर ही आफत आ गई है.
तीर्थस्थलों पर फंसे हैं तीर्थयात्री
उत्तराखंड में केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, भीमबली, अल्मोड़ा हर जगह तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. कहीं बादल फट रहे हैं तो कहीं लैंडस्लाइड के कारण बड़े हादसों की रिपोर्ट है. हिमाचल प्रदेश के मंडी, शिमला जैसे हिल स्टेशनों का भी यही हाल है. शुक्रवार को कहां क्या स्थिति रही, पढ़िए पूरी रिपोर्ट
टिहरी से लेकर केदारनाथ तक हर जगह तबाही के निशान
उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही मची है. टिहरी से लेकर केदारनाथ तक हर जगह तबाही के निशान देखे जा सकते हैं.राज्य के विभिन्न स्थानों पर पिछले दो दिनों में बारिश संबंधी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गए, टिहरी के जिस नौताड़ इलाके और केदारनाथ में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है.

भीमबली में 20-25 मीटर बह गया यात्रा मार्ग
बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भारी बारिश के बाद भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर आ गए. इसके बाद रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया. बादल फटने से केदारनाथ यात्रा रूट पर 30 मीटर की सड़क मंदाकिनी नदी में समा गई है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या है स्थिति
वायु सेना का एमआई 17 हेलीकॉप्टर अब गुप्तकाशी स्थित चारधाम हेलीपैड से रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि गुप्तकाशी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में कम समय लगेगा. वहीं, चिनुक हेलीकॉप्टर गोचर से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाएगा. शुक्रवार को अभी तक 700 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है. वहीं, केदारनाथ धाम में अभी भी मौसम खराब है. इसलिए गुप्तकाशी से केदारनाथ के मौसम की भी सही जानकारी मिल सकेगी.
लिनचोली से यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा
उधर, केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव लिनचोली से यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. अब भीमबली और केदारनाथ में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सामने आया है कि भीमबली में भी कम संख्या में ही यात्री बचे हैं. इसके अलावा पैदल रेस्क्यू लगातार जारी है. लिनचोली में दो दिन में लगभग एक हजार यात्रियों का सफल रेस्क्यू हुआ है.
4 हजार लोगों को किया गया रेस्क्यू
भारी बारिश के बाद केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है और बड़ी संख्या में ज्यादा लोग फंसे हैं. रात के समय भी रेस्क्यू अभियान रहा जारी रहा और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ ने मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया. अभी तक हेलिकॉप्टर और पैदल चलाए गए रेस्क्यू अभियान में 4000 से अधिक भक्तों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.
वायुसेना कर रही है मदद
फंसे हुए लोगों को लाने के लिए लगातार वायु सेना का भी सहारा लिया जा रहा है. एयर लिफ्ट में तेजी लाने के लिए वायु सेना का चिनूक एवं एमआई 17 हेलिकॉप्टर भी शुक्रवार सुबह गौचर पहुंच गए हैं. एमआई 17 ने एक चक्कर लगाकर 10 लोगों को रेस्क्यू कर गौचर पहुंचा दिया है. वायुसेना ने बयान जारी करते हुए कहा, 'भारतीय वायुसेना ने केदारनाथ से बचाव अभियान शुरू किया है. Mi17V5 और चिनूक के जरिए भारतीय वायुसेना ने केदारनाथ में बचाव अभियान शुरू किया है. एक चिनूक और एक Mi17 V5 हेलिकॉप्टर के साथ NDRF की टीमों को बचाव स्थलों पर ले जाया गया. आगे की कार्रवाई के लिए भारतीय वायुसेना के और उपकरण स्टैंडबाय पर हैं.'

हिमाचल प्रदेश में भी मौसम खराब
हिमाचल प्रदेश में भी मौसम खराब है. यहां बादल फटने के साथ मौत का सैलाब आया है. शिमला, मंडी और कूल्लू, तीन जगहों पर बादल फटने से सात लोगों की मौत की खबर आई थी, हालांकि ये संख्या और बढ़ रही है. हादसे में 50 से अधिक लोग लापता हुए हैं. बादल फटने के बाद लैंडस्लाइड की वजह से कई सड़के बंद है जिसकी वजह से रेस्क्यू टीम के लिए मौके पर पहुंचना बड़ी चुनौती है.
लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके
भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को भूकंप के भी झटके लगे हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके महसूस किए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 की रही. हालांकि इसमें किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.
मंडी में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई पांच
मंडी में बिगड़े मौसम और कुदरती आपदा को लेकर जो नए अपडेट सामने आए हैं, उसके मुताबिक, मंडी में मृतकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. राजबन गांव में जहां बादल फटा था, वहां से दो शव और बरामद कर लिए गए हैं. ये दोनों शव बच्चों के हैं पांच लोग अभी भी लापता हैं.

शिमला के गांव से आठ स्कूली बच्चे लापता
शिमला के रामबन समेज गांव से आठ स्कूली बच्चे लापता हैं. इनमें सात छात्राएं और एक छात्र है. स्कूल के प्रिंसिपल अरविंद ने कहा कि लापता छात्रों में दो प्लस टू, 4 मैट्रिक, वहीं छठवीं और नौवीं कक्षा के एक-एक छात्र शामिल हैं. ये छात्र स्थानीय निवासी थे और बैडमिंटन और वॉलीबॉल खिलाड़ी थे.