नई दिल्ली में आजतक के G-20 समिट का मंच सजा है. इसमें कई मेहमान शिरकत करने पहुंचे हैं. इसी क्रम में आजतक के इस खास कार्यक्रम में नीति आयोग के पूर्व सीईओ व G-20 के नए शेरपा अमिताभ कांत भी शामिल हुए. अमिताभ कांत के साथ आजतक के खास शेसन 'G-20 का दम, भारत का परचम' में कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
सरकार ने आपको क्यों चुना?
इस सवाल के जवाब में अमिताभ कांत ने कहा कि मैं कभी नेगेटिविटी से काम नहीं करता. मैं हमेशा देश के लिए पॉजिटिविटी के साथ काम करता हूं. इसलिए शायद भरोसा जताया.
60 शहरों में 200 से ज्यादा इवेंट करने के बारे में अमिताभ कांत ने बताया कि G-20 सालभर का एक इवेंट होता है. यह कोई स्पोर्ट्स टूर्नामेंट नहीं है, जो कुछ दिनों या महीनों में खत्म हो जाएगा. ऐसे में पीएम ने स्पष्ट कहा था कि इस इवेंट को पूरे देश में ले जाओ. अन्य देश सिर्फ 2-3 शहरों में इस तरह के कार्यक्रम करते हैं. लेकिन भारत पहला देश है जिसने हर राज्य में G-20 के इवेंट आयोजित कराए. इससे देश की ब्रांडिंग बढ़ी.
क्या G20 चुनाव जिता सकता है?
इस पर उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब मैं नहीं दे सकता. मेरी जिम्मेदारी है कि इवेंट को अच्छे से कराया जाए. अब इसका फायदा किसे मिलेगा यह तो मैं नहीं कह सकता.
जी20 समिट की फुल कवरेज देखने के लिए यहां क्लिक करें
क्या चीन को डील करना चुनौती रही?
एक शेरपा के तौर पर आपके लिए चीन को डील करना कितनी बड़ी चुनौती थी? इसपर अमिताभ कांत ने कहा कि चीन एक मल्टीलेट्रल प्लेयर है वो ग्लोबल लीडरशिप चाहता है. वो पॉजिटिव स्टेप भी लेता है. ऐसे में अगर हम उनको समझा सकें तो सभी को फायदा होगा.
क्या शी जिनपिंग G-20 समिट में हिस्सा लेने भारत आएंगे?
अमिताभ कांत ने कहा, यह अभी मैं स्पष्ट नहीं कह सकता. जहां तक हमारी जानकारी है सभी देशों के प्रमुख भारत में आएंगे और भारत की अध्यक्ष्ता में हो रहे इवेंट को सफल बनाएंगे. एक या दो देशों को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देशों के प्रतिनिधित्व आएंगे. हम बहुत पॉजिटिव एप्रोच के साथ हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सभी आएंगे. अमिताभ कांत ने कहा कि मैक्सिकन राष्ट्रपति स्पष्ट रूप से जी-20 के लिए नहीं आ रहे हैं वे बाली भी नहीं गए थे.
जिनपिंग के दिल्ली आने से असहजता बढ़ेगी?
क्या शी जिनपिंग के दिल्ली आने से किसी तरह की असहजता देखने को मिलेगी? इसपर G-20 के शेरपा ने कहा कि वो भी हमारे मेहमान होंगे. किसी भी देश का लीडर हो सबको एक नजर से देखेंगे. सबको एक समान स्वागत किया जाएगा. सबके साथ मिलकर ही आगे बढ़ेंगे. उनका रवैया जो भी हो, हम सभी को एक नजरिए से देखते हैं.
'हमारे लिए यूक्रेन जरूरी नहीं...'
जब से यूक्रेन-रूस का युद्ध शुरू हुआ है. तब से G-20 का एजेंडा शिफ्ट हो गया है. यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देश अलग राय रखते हैं और भारत, चीन व रूस अलग राय रखते हैं. इस पर अमिताभ कांत ने कहा कि हम विकास के एजेंडे पर काम करते हैं. हम आर्थिक सुधार और विकास जैसे मुद्दे पर काम करते हैं. अमिताभ कांत ने कहा कि यूरोप के लिए यूक्रेन महत्वपूर्ण होगा. हमारे लिए नहीं है. हमारे लिए विकास ही प्राथमिकता है. हमने यूक्रेन के विषय को पीछे रखते हुए विकास के मुद्दे को प्रायरिटी दी है. कहीं हमने यूक्रेन को महत्वता नहीं दी है.