
कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हुई है. तीनों आपस में भाई थे. पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना बसंती के रहने वाले तीनों भाई हरन गायेन, निशिकांत गायेन, दिबाकर गायेन मजदूरी किया करते थे और धान गाहने के लिए आंध्र प्रदेश जा रहे थे. वह पहले भी कई बार धान लगाने के लिए आंध्र प्रदेश जाते रहे थे.
इनके अलावा बसंती के चरनेखली गांव के दो और लोगों की मौत इस हादसे में हुई है. मरने वालों के नाम विकास हलदर और संजय हलदर हैं. सामने आया है कि दोनों शुक्रवार सुबह नौ बजे अपने घर से निकले थे. इस ट्रेन हादसे में बसंती और गोसाबा क्षेत्र के कई और लोग भी घायल हुए हैं. माना जा रहा है कि घायल हुए लोगों की संख्या सैकड़ों में है.
सिग्नल से संबंधित गलती, 250 से ज्यादा मौतें,
ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में ढाई सौ से अधिक यात्रियों की जान जा चुकी है जबकि करीब एक हजार लोग घायल हुए हैं. तीन ट्रेन की इस भीषण टक्कर के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. इन सबके बीच हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है. इस जांच रिपोर्ट में इस भीषण घटना के पीछे सिग्नल से संबंधित गलती सामने आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक बहानगा बाजार स्टेशन पर मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी. इसी बीच चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन पर पहुंची. हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है.
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मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर कराया गया था खड़ा
बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो. बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था. कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी.
बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी. बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई. पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े.
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डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस
हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. रेलवे की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन नंबर 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतर गए. कोरोमंडल एक्सप्रेस के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए और तीन डिब्बे छिटककर डाउन लाइन पर चले गए. हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ.
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तत्काल मौके पर भेजी गई रिलीफ वैन
हादसे की जानकारी मिलते ही रेल महकमा एक्शन में आ गया. रेलवे के मुताबिक सूचना मिलते ही एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन के साथ ही एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन मौके की ओर रवाना करने के आदेश दिए गए. खड़गपुर, भद्रक, टाटानगर, संतरागाची, खुर्दारोड और बालासोर स्टेशन से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन और एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन को मौके की ओर रवाना किया गया.
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कोरोमंडल एक्सप्रेस में थे 1200 से ज्यादा यात्री
भद्रक से एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन रात के 8.30 बजे ही मौके पर पहुंच गया था. रेलवे की ओर से हादसे की शिकार हुई ट्रेन में सवार यात्रियों की संख्या को लेकर भी जानकारी दी गई है. रेलवे के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस में 1257 पैसेंजर ने टिकट बुक कराए थे वहीं, यशवंतपुर एक्सप्रेस में 1039 यात्री रिजर्वेशन कराकर यात्रा कर रहे थे. खड़गपुर से एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल उपकरण लेकर खड़गपुर से रवाना हुई ट्रेन रात के 10 बजकर 25 मिनट पर मौके पर पहुंच गई. एक और ट्रेन खड़गपुर से 10 बजकर 42 मिनट पर पहुंच गई. उसी समय बालासोर में एनडीआरएफ के अधिकारियों से संपर्क किया गया. एनडीआरएफ की टीम भी रात के 8 बजकर 30 मिनट पर मौके पर पहुंच गई थी और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था.