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एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग केस: SC ने ईडी की याचिका पर की सुनवाई, हाई कोर्ट के आदेश पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने ED की एक याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें चीनी वीजा से जुड़े एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ सुनवाई टाल दी गई थी.

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एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की याचिका पर SC में सुनवाई (Photo: File)
एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की याचिका पर SC में सुनवाई (Photo: File)

सुप्रीम कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस (Aircel Maxis) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर नोटिस जारी किया है. ED ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई टाल दी गई थी. यह मामला चीन के वीजा से जुड़ा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम से प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसमें चीनी वीजा घोटाले और एयरसेल-मैक्सिस मामले से जुड़े धन शोधन मामलों में आरोपों पर दलीलों की सुनवाई स्थगित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है.

ED ने सवाल उठाया कि मनी लॉन्ड्रिंग का ट्रायल मुख्य अपराध में आरोप तय होने का इंतजार क्यों करे. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने शायद जल्दबाजी में हस्तक्षेप किया. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में यह सवाल उठाया कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले का ट्रायल मुख्य अपराध में आरोप तय होने का इंतजार क्यों करे. 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि अगर मुख्य अपराध में आरोप तय नहीं होते हैं, तो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई सारी मेहनत और जांच व्यर्थ हो जाएगी. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने शायद वक्त से पहले हस्तक्षेप कर दिया. 

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यह भी पढ़ें: देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार, केंद्र को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने ED की याचिका पर नोटिस जारी कर दिया है. अब सभी पक्षों को अपना जवाब दाखिल करने का मौका मिलेगा. यह मामला अब आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. इस फैसले से यह उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही कोई प्रगति देखने को मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट के इस रुख से ED की जांच को एक नई दिशा मिल सकती है और मामले की सुनवाई में तेजी आ सकती है.

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