scorecardresearch
 

'इस घटना ने देश को झकझोर दिया', SC ने सीबीआई को सौंपी करूर भगदड़ हादसे की जांच

सुप्रीम कोर्ट ने करूर भगदड़ मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है. इस हादसे में 41 लोगों की मौत हुई थी. कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति गठित की है जो जांच की निगरानी करेगी.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट ने करूर भगदड़ हादसे की जांच CBI को सौंप दी है. (Photo: PTI)
सुप्रीम कोर्ट ने करूर भगदड़ हादसे की जांच CBI को सौंप दी है. (Photo: PTI)

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को करूर भगदड़ मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी. यह हादसा 27 सितंबर 2025 को अभिनेता-नेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की एक रैली के दौरान हुआ था. इस हादसे में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे, जबकि करीब 60 लोग घायल हुए थे.

जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने कहा कि यह घटना नागरिकों के मौलिक अधिकारों से जुड़ी है और इसने देश के सामूहिक विवेक को झकझोर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके. न्यायिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति गठित की है, जो CBI की जांच की निगरानी करेगी.

मद्रास हाई कोर्ट की चेन्नई बेंच पर तीखी टिप्पणी

जस्टिस रस्तोगी दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन करेंगे, जो इंस्पेक्टर जनरल रैंक या उससे ऊपर के होंगे. ये अधिकारी तमिलनाडु कैडर के हो सकते हैं, लेकिन राज्य में पदस्थ नहीं होंगे. यह समिति CBI को दिशा-निर्देश दे सकेगी, सबूतों की समीक्षा कर सकेगी और जांच की मासिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट (चेन्नई बेंच) की कड़ी आलोचना की, जिसने उस याचिका में तमिलनाडु पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर दी थी, जिसमें केवल राजनीतिक रैलियों के लिए ‘स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर’ (SOP) बनाने की मांग की गई थी.

'बिना चीफ जस्टिस की मंजूरी के कैसे स्वीकार कर ली याचिका?'

कोर्ट ने कहा कि चेन्नई बेंच को करूर मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं था, क्योंकि यह क्षेत्र मदुरै बेंच के अंतर्गत आता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि बिना मुख्य न्यायाधीश की अनुमति के यह याचिका चेन्नई बेंच में कैसे स्वीकार की गई. कोर्ट ने हाई कोर्ट से इस याचिका को उचित बेंच में स्थानांतरित करने को कहा है.

यह अंतरिम आदेश TVK पार्टी की उस याचिका पर आया है, जिसमें उसने 3 अक्टूबर के मद्रास हाई कोर्ट आदेश को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने केवल राज्य पुलिस अधिकारियों की SIT गठित की थी और अपने आदेश में TVK व विजय पर टिप्पणी की थी.

'अभी यह सिर्फ अंतरिम आदेश'

TVK ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि जांच CBI से कराई जाए और उसकी निगरानी एक पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज करें. वहीं, कुछ अन्य याचिकाएं भी दायर की गई थीं जिनमें मदुरै बेंच द्वारा CBI जांच से इनकार किए जाने को चुनौती दी गई थी.

Advertisement

कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आठ हफ्ते का समय दिया है ताकि वह अपना जवाब दाखिल कर सके. साथ ही यह स्पष्ट किया कि यह आदेश फिलहाल अंतरिम है और आगे की कार्रवाई सुनवाई के बाद तय की जाएगी.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement