कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को दिल्ली में शांतिवन स्मारक पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, 'अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सीपीपी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शांतिवन पहुंचकर प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. आधुनिक भारत के निर्माता पंडित नेहरू को आज पूरा देश याद कर रहा है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, 'हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि.' अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी देश के निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के योगदान को याद किया और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, 'पंडित जवाहर लाल नेहरू एक सोच हैं - स्वतंत्रता की, प्रगति की, न्याय की. भारत माता को आज अपने हिंद के जवाहर के इन्हीं मूल्यों की जरूरत है, एक विचारधारा की तरह, हर दिल में.'
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge और CPP चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी ने शांतिवन पहुंचकर प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
— Congress (@INCIndia) November 14, 2023
आधुनिक भारत के निर्माता नेहरू जी को आज पूरा देश याद कर रहा है। pic.twitter.com/NvSh8dQkdb
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर लिखा, 'भारत को शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाले, आधुनिक भारत के निर्माता, लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी व हमारे प्रेरणास्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. उन्होंने कहा था नागरिकता, देश की सेवा में होती है. उनके प्रगतिशील विचारों ने तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया और हर पल देश की जनता को बिना किसी भेदभाव के, हमेशा देश को आगे रखकर, साथ मिलकर रहने के लिए प्रोत्साहित किया.'
पंडित नेहरू की जयंती पर क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था. भारत में यह दिन 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है. वह बच्चों के अधिकारों और एक सर्व-समावेशी शिक्षा प्रणाली के समर्थक थे, जहां ज्ञान सभी के लिए सुलभ हो. वह हर बच्चे को देश का भविष्य मानते थे. नेहरू ने अपने प्रसिद्ध भाषणों में से एक में कहा था, 'बच्चे बगीचे में कलियों की तरह हैं और उनका सावधानीपूर्वक और प्यार से पालन-पोषण किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं.'
पहले, भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था- जिस दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व स्तर पर 'विश्व बाल दिवस' मनाया जाता है. हालांकि, वर्ष 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, संसद ने उनके जन्मदिन को देश में आधिकारिक रूप से बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव जारी किया. तब से, भारत के पहले प्रधानमंत्री की जयंती 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश भर के स्कूल बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं, उन्हें उपहारों से भी नवाजा जाता है.