वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र कोहली बीमार हैं और गंभीर रूप से कोरोना से पीड़ित हैं. उनका इलाज चल रहा है पर दशा में सुधार न होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. पद्मश्री से सम्मानित कोहली पिछले दिनों संस्कार भारती के 'कला संकुल' के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे.
कोहली जी के गंभीर स्वास्थ्य पर साहित्य जगत के कई बड़े साहित्यकारों, पत्रकारों गहरी चिंता जताई है. उनके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करते हुए ममता कालिया, उषा किरण खान, प्रेम जनमेजय, राहुल देव, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, धीरेंद्र अस्थाना, अनंत विजय, प्रभात कुमार, ललित लालित्य, प्रज्ञा पांडेय, डॉ ओम निश्चल आदि ने कोहली के प्रशंसकों से उनके लिए प्रार्थना करने की अपील की है.
अपने समर्थकों के बीच 'आधुनिक तुलसी' के रूप में लोकप्रिय कोहली को हिंदी साहित्य में 'महाकाव्यात्मक उपन्यास' विधा को प्रारंभ करने का श्रेय जाता है. देश के पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों पर उनके लेखन को दुनिया भर में सराहना मिली है. पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों की गुत्थियों को सुलझाते हुए उनके माध्यम से आधुनिक समाज की समस्याओं के समाधान को प्रस्तुत करना कोहली की विशेषता है. हाल ही में नरेंद्र कोहली का जीवनानुभव 'समाज, जिसमें मैं रहता हूं' नाम से छपकर आया था, जिसमें भारतीय संस्कृति, परंपरा और पौराणिक आख्यानों के इस श्रेष्ठ रचनाकार का सामाजिक व पारिवारिक अनुभव शामिल था.
डॉ कोहली ने साहित्य की सभी प्रमुख विधाओं यथा उपन्यास, व्यंग्य, नाटक, कहानी एवं गौण विधाओं यथा संस्मरण, निबंध, पत्र के साथ ही आलोचनात्मक साहित्य में भी अपनी लेखनी चलाई और शताधिक ग्रंथों का सृजन किया. उनकी चर्चित रचनाओं में उपन्यास 'पुनरारंभ', 'आतंक', 'आश्रितों का विद्रोह', 'साथ सहा गया दुख', 'मेरा अपना संसार', 'दीक्षा', 'अवसर', 'जंगल की कहानी', 'संघर्ष की ओर', 'युद्ध' (दो भाग), 'अभिज्ञान', 'आत्मदान', 'प्रीतिकथा', 'बंधन', 'अधिकार', 'कर्म', 'धर्म', 'निर्माण', 'अंतराल', 'प्रच्छन्न', 'साधना', 'क्षमा करना जीजी!; कथा-संग्रह 'परिणति', 'कहानी का अभाव', 'दृष्टिदेश में एकाएक', 'शटल', 'नमक का कैदी', 'निचले फ्लैट में', 'संचित भूख'; नाटक 'शंबूक की हत्या', 'निर्णय रुका हुआ', 'हत्यारे', 'गारे की दीवार' आदि शामिल हैं.
कोहली को शलाका सम्मान, साहित्य भूषण, उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार, साहित्य सम्मान तथा पद्मश्री सहित दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. आपका जन्म 6 जनवरी, 1940 को संयुक्त पंजाब के सियालकोट नगर में हुआ. प्रारम्भिक शिक्षा लाहौर में आरम्भ हुई और भारत विभाजन के पश्चात परिवार के जमशेदपुर चले आने पर वहीं आगे बढ़ी. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा का माध्यम हिंदी न होकर उर्दू थी. कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में स्नातकोत्तर और डाक्टरेट की उपाधि हासिल की. प्रसिद्ध आलोचक डॉ नगेंद्र के निर्देशन में उनका शोध प्रबंध 'हिंदी उपन्यास: सृजन एवं सिद्धांत' विषय पर था.