जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में पुणे के संतोष जगदाले की मौत की खबर से सांगली के संतोष जगदाले के रिश्तेदार और परिचित परेशान हो गए. एक जैसे नाम होने के कारण रिश्तेदारों ने बार-बार फोन कर उनका हालचाल पूछा. सांगली के संतोष जगदाले इस हमले में बाल-बाल बचे, क्योंकि उस दिन उन्हें घुड़सवारी के लिए घोड़े नहीं मिले.
संतोष जगदाले ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया, ''कश्मीर टूर के दौरान हमारा ग्रुप पहलगाम में रात रुका था. हम सुबह घूमने गए, लेकिन हमें ऊपर जाने के लिए घोड़े नहीं मिले. इसलिए हम सन टॉप पॉइंट देखने चले गए. वहां से लौटने पर हमें इस हमले की जानकारी मिली. चारों तरफ सेना के जवान तैनात थे. उन्होंने हमसे पूछताछ की और हमें सुरक्षित बाहर निकाला. इसी बीच खबर आई कि संतोष जगदाले नाम के व्यक्ति की फायरिंग में मौत हो गई. टीवी पर भी यही खबर चल रही थी. घरवाले और रिश्तेदार डर गए और बार-बार फोन कर मेरा हाल पूछने लगे.''
संतोष ने आगे कहा, ''पहले मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी. बाद में पता चला कि पुणे के संतोष जगदाले की फायरिंग में मौत हुई है. मैंने यह बात अपने घरवालों को समझाई, तब जाकर उन्हें राहत मिली.
पर्यटक संतोष जगदाले ने कहा, जो लोग इस हमले में मारे गए, उनके प्रति मेरे मन में गहरी संवेदना है. जो हुआ, वह बहुत गलत था. ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए.
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी और कई लोग इसमें घायल हो गए. इनमें से अधिकतर पर्यटक थे.
(रिपोर्ट:- स्वाति चिकलीकर)