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WFI चुनाव पर बंटे खिलाड़ी: साक्षी के सपोर्ट में गूंगा पहलवान लौटाएंगे पद्मश्री, पूर्व रेसलर्स बोले- नए खिलाड़ी करियर पर ध्यान दें

पूर्व WFI प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरों में से एक बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री लौटा दिया था. वीरेंद्र ने एक्स पर लिखा, "मैं अपनी बहन और देश की बेटी के लिए पद्मश्री भी लौटा दूंगा. माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, मुझे आपकी बेटी और मेरी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है.

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बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ किया था प्रदर्शन (फाइल फोटो)
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ किया था प्रदर्शन (फाइल फोटो)

WFI में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के जीतने के बाद विरोध का सिलसिला जारी है. महिला पहलवान साक्षी मलिक के कुश्ती त्यागने के फैसले के बाद शुक्रवार को पहलवान बजरंग पूनिया ने पदक वापसी की घोषणा की थी. अब इस मामले में और भी खिलाड़ी जुटने लगे हैं. सामने आया है कि डेफलंपिक्स के स्वर्ण पदक विजेता वीरेंद्र सिंह यादव, जिन्हें गूंगा पहलवान के नाम से जाना जाता है, उन्होंने भी अब देश के शीर्ष पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए सरकार को अपना पद्म श्री लौटाने का फैसला किया है. उन्होंने WFI अध्यक्ष के रूप में बृज भूषण शरण सिंह के वफादार संजय सिंह के चुनाव पर आपत्ति जताई है.वीरेंद्र ने कहा कि वह बृज भूषण के करीबी सहयोगी के चुनाव के विरोध में सम्मान वापस कर देंगे.

बजरंग पूनिया ने भी लौटाया अपना पद्मश्री
पूर्व WFI प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरों में से एक बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री लौटा दिया था. वीरेंद्र ने एक्स पर लिखा, "मैं अपनी बहन और देश की बेटी के लिए पद्मश्री भी लौटा दूंगा. माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, मुझे आपकी बेटी और मेरी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है." उन्होंने सचिन तेंदुलकर और नीरज चोपड़ा जैसी देश की प्रतिष्ठित खेल हस्तियों से भी इस मुद्दे पर अपनी राय देने का आग्रह किया. वीरेंद्र ने अपने पोस्ट में क्रिकेट के दिग्गज तेंदुलकर और ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी चोपड़ा को टैग करते हुए कहा, "मैं देश के शीर्ष खिलाड़ियों से भी अपना ओपिनियन देने का अनुरोध करूंगा."

2001 के पद्मश्री सम्मानित हैं वीरेंद्र
वीरेंद्र को 2021 में देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री मिला था. इससे पहले, उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग द्वारा एक्स पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा गया, "मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटा रहा हूं. गुरुवार को, संजय को WFI के अध्यक्ष के रूप में चुना गया, जब उनके नेतृत्व वाले पैनल ने 15 में से 13 पद जीते.

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किसी राजनीति में न पड़ें पहलवानः संग्राम सिंह 
वहीं, पूर्व पहलवान संग्राम सिंह ने भी इस मसले पर अपने राय रखी है. उन्होंने पहलवानों को किसी राजनीति में न पड़ने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि, "मैं सभी पहलवानों और महत्वाकांक्षी पहलवानों से अपील करना चाहता हूं कि हमें अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए. लोग आपको गुमराह करेंगे और (उनकी) बातें सुनने के बाद आप राजनेता, अभिनेता, उद्यमी या समाजवादी बनना चाहेंगे." लेकिन बाद में हमें पछतावा होता है जब हम अपना करियर खो देते हैं... हम सभी को देश के लिए सोचना चाहिए. सरकारें आएंगी, सरकारें जाएंगी लेकिन देश हमेशा रहेगा."

निर्वाचित निकाय को काम करने देंः पूर्व पहलवान सुनील राणा
पूर्व पहलवान सुनील राणा का कहना है, "चुनावों में देरी हुई लेकिन चुनाव में जो संस्था चुनी गई वह कुश्ती के लिए काम कर रही है. बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट अच्छे पहलवान रहे हैं लेकिन भारत में कुश्ती अब नुकसान की स्थिति में नहीं होनी चाहिए. निर्वाचित निकाय को कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए. फेडरेशन ने निर्वाचित होने के तुरंत बाद गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करने की घोषणा की है."

पहलवानों का उठाया गया राजनीतिक लाभः बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी
पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया पर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा, "उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है, वे प्रतिभाशाली एथलीट हैं. एथलीटों को एथलीटों की मानसिकता रखनी चाहिए, उन्हें किसी का जरिया नहीं बनना चाहिए. पिछली बार, हरियाणा के राजनेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए और इन एथलीट्स के करियर को खराब करने के लिए उन्हें सामने लाए. जो भी WFI प्रमुख के रूप में चुना गया है, उनका काम एथलीटों का अभ्यास करना है. '

बृजभूषण शरण सिंह के करीबी के चुनाव जीतने पर आपत्ति
साक्षी, बजरंग और विनेश फोगाट ने मांग की थी कि बृज भूषण के किसी भी करीबी को WFI में प्रवेश नहीं करना चाहिए. तीन शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. उन्होंने 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा नदी में बहाने पर भी विचार किया था, लेकिन किसान नेताओं ने उन्हें ऐसा कदम न उठाने के लिए मना लिया था.

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