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राहुल को 'सुप्रीम राहत' के बाद 31 अगस्त को 'INDIA' की पहली बैठक, सीट शेयरिंग पर बदलेगा कांग्रेस का रुख?

गैर बीजेपी दलों के बनाए गठबंधन 'INDIA' की तीसरी और अहम बैठक मुंबई में होने वाली है. यह बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को होगी. राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद यह पहला मौका होगा कि जब विपक्षी एकता के लिए गैर बीजेपी दलों का महाजुटान होगा. इसमें कांग्रेस अलग ही आत्मविश्वास के साथ नजर आएगी.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार (फाइल फोटो)

विपक्षी एकता के लिए बनाए गए गठबंधन I.N.D.I.A. की तीसरी और अहम बैठक अब मुंबई में होने वाली है. शिवसेना नेता और प्रवक्ता संजय राउत ने एक बयान में साफ किया कि विपक्षी एकता के पक्षधर लोग इस महीने की आखिरी तारीख को मुंबई में जुटेंगे. इसके लिए 31 अगस्त और 1 सितंबर की तारीख तय की गई है. राउत ने कहा कि, मुंबई में होने वाली बैठक पटना और बेंगलुरु की तरह ही सफल होगी. उन्होंने कहा कि हमने विचार-विमर्श किया है. मुंबई में ऐसी बैठक आयोजित करना एक बड़ा काम है, क्योंकि हम सत्ता में नहीं हैं. राहुल गांधी समेत करीब 5 सीएम और पूर्व सीएम आएंगे. ऐसे में सुरक्षा पहलुओं का भी ध्यान रखना होगा.

'उद्धव ठाकरे करेंगे मेजबानी'
उन्होंने बताया कि विपक्षी एकता की इस बैठक के मेजबान उद्धव ठाकरे होंगे और हमें एनसीपी और कांग्रेस का भी समर्थन मिलेगा. शरद पवार और सुप्रिया सुले भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि मुंबई के ग्रैंड हयात में बैठक की जिम्मेदारी दी गई है और स्वागत में सभी दल साथ रहेंगे. हम सुरक्षा व्यवस्था पर मौजूदा सरकार से बातचीत कर रहे हैं.'

राहुल गांधी को राहत मिलने के बाद पहली बैठक
मुंबई में होने वाली बैठक में विपक्षी एकता का जोश हाई देखने को मिल सकता है. क्योंकि यह राहुल गांधी को सुप्रीम राहत मिलने के बाद पहला मौका होगा कि जब गैर बीजेपी दल एक साथ बैठेंगे, तो यह एक सेलिब्रेशन वाला मौका भी होगा. इसके साथ ही इस बैठक में कांग्रेस एक अलग ही आत्मविश्वास के साथ शामिल होगी. इस तीसरी बैठक का एजेंडा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को तय करना हो सकता है. विपक्ष के नेताओं ने पिछली बैठक में इसके संकेत भी दिए थे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा था कि मुंबई में 11 सदस्यीय समन्वय समिति गठित की जाएगी. 

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इस बार का क्या हो सकता है मेन एजेंडा?
इसके पहले बेंगलुरु में हुई बैठक में विपक्षी एकता के गठबंधन को नाम दिया गया था, जिसमें इसे 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्ल्युसिव एलायंस' यानि भारतीय राष्ट्रीय विकासवादी समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) कहा गया था. इस दौरान 6 एजेंडा तय किए गए थे, जिनपर चर्चा होनी थी. इसमें 2024 के आम चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग के लिए एक सबकमेटी गठन करने की भी बात थी. इस कमेटी के गठन पर रजामंदी तो हुई है, लेकिन इस कमेटी में कौन-कौन हैं ये सामने नहीं आया है. वहीं, एक और अहम मुद्दा राज्य के आधार पर सीट साझा करने का मामला भी है, जिस पर एक बार फिर से विस्तृत बातचीत हो सकती है. 

17-18 जुलाई, बेंगलुरु की बैठक का ये था एजेंडा
1. 2024 के आम चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए जरूरी कम्यूनिकेशन पॉइंट्स तैयार करने के लिए एक सबकमेटी स्थापित करना 
2. पार्टियों के सम्मेलनों, रैलियों और दो दलों के बीच विरोधाभासों को दूर करने के लिए एक सबकमेटी बनाना 
3. राज्य के आधार पर सीट साझा करने के मामले पर चर्चा करना. 
4. ईवीएम के मुद्दे पर चर्चा करना और चुनाव आयोग के लिए सुधार सुझाव देना. 
5. गठबंधन के लिए एक नाम सुझाव देना. 
6. प्रस्तावित गठबंधन के लिए एक सामान्य सचिवालय की स्थापना करना.

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क्या बदले अंदाज में नजर आएगी कांग्रेस?
अब जब सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल गांधी को राहत मिली है तो माना जा रहा है कि अगली विपक्षी एकता की बैठक में कांग्रेस के सुर बदले हुए हो सकते हैं. साथ ही ये भी माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में भी हलचल मचा दी है. असल में अब तक विपक्ष में प्रधानमंत्री पद का चेहरा तय नहीं हो सका है. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तय नहीं हुआ है. मुंबई में विपक्ष की तीसरी बड़ी बैठक होनी है. इसमें गठबंधन के संयोजक की नियुक्ति के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया जाना है. इसी बैठक में अलग-अलग मुद्दों के समाधान के लिए विशिष्ट कमेटी गठित होगी. ऐसे में यह तीसरी बैठक काफी अहम होने वाली है और राहुल गांधी को राहत मिलने के बाद कांग्रेस पूरे आत्मविश्वास के साथ अन्य दलों पर दबाव बना पाने की स्थिति में है. 

अब पीएम फेस वाले मुद्दे को भी मिल सकती है तवज्जो 
अभी तक हो ये रहा था कि राहुल गांधी मामले में गुजरात हाई कोर्ट से राहत न मिलने से कांग्रेस भी पीएम फेस को लेकर ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही थी. गठबंधन को लेकर फॉर्मूले और समझौते के लिए भी पीछे हटते नहीं दिख रही थी. लेकिन, अब स्थिति बदलते ही सुर बदले जाने की संभावना बढ़ गई है. 

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क्या विपक्षी एकता में बढ़ेगी राहुल गांधी की स्वीकार्यता?
राजनीतिक पंडित भी कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को लेकर नए सिरे से रणनीति बना सकती है. बेंगलुरु की बैठक में ममता बनर्जी ने पीएम फेस के लिए राहुल गांधी का नाम आगे बढ़ाया था. ममता ने कहा था कि राहुल हमारे पसंदीदा नेता हैं. हालांकि, तब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह कहते हुए टाल दिया था कि कांग्रेस को सत्ता का लोभ नहीं है.

इसके पहले भी विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों में राहुल गांधी को लेकर स्वीकार्यता के तौर पर एकमत नहीं दिखाई देता है. निजी तौर पर कई विपक्षी नेता राहुल को एकजुट विपक्ष के चेहरे के रूप में पेश करने से सावधानी बरतते दिखे हैं. खुद ममता बनर्जी की पार्टी के नेताओं के बयान देकर माहौल में सरगर्मियां बढ़ाई हैं.

लेकिन अब नई स्थिति, नए सिनेरियो में विपक्षी एकता की इस तीसरी मीटिंग का कैसा माहौल होगा, ये देखना दिलचस्प होगा. 

 

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