प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं. वह 20 जून की रात को न्यूयॉर्क पहुंचे और इसी के साथ आने वाली उस घड़ी का इंतजार बढ़ गया है, जब पीएम मोदी अमेरिका के साथ अहम रक्षा डील करेंगे. जब पीएम मोदी अमेरिका पहुंचे तो इस दौरान व्हाइट हाउस से हुई प्रेस वार्ता में कहा गया कि, 'यह राजकीय यात्रा चीन या रूस के बारे में नहीं है, यह अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों को अपनी नींव पर सुधारने के बारे में है. वाशिंगटन डीसी में रणनीतिक संचार के NSC कॉर्डिनेटर, जॉन किर्बी ने कहा कि, 'यह पीएम मोदी या भारत सरकार को कुछ अलग करने के लिए मजबूर करने या मजबूर करने के बारे में नहीं है.'
दोनों देशों के बीच डिफेंस डील
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के अमेरिका दौरे पर रवाना हो गए हैं. यह उनकी पहली स्टेट विजिट है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के न्योते पर अमेरिकी पहुंचे पीएम मोदी का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरे पर पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके अलावा न्यूयॉर्क में योग दिवस पर योग करेंगे. साथ ही वे व्हाइट हाउस में आयोजित किए गए रात्रिभोज में शामिल होंगे. पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच डिफेंस, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक डील होंगीं.
भारत और अमेरिका की बीच हैं गहरे संबंधः पीएम मोदी
अमेरिका दौरे से पहले पीएम मोदी ने कहा था, भारत और अमेरिका के बीच संबंध गहरे हैं और हर क्षेत्र में हमारी भागीदारी लगातार बढ़ी है. राष्ट्रपति बाइडेन और दूसरे अमेरिकी नेताओं के साथ मेरी बातचीत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और आगे लेकर जाएगी. मुझे विश्वास है कि अमेरिका की मेरी यात्रा डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी और आजादी के मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को और मजबूत करेगी. हम वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक साथ मजबूती से खड़े हैं.
अमेरिका और भारत के बीच इन समझौतों पर लगेगी मुहर
पीएम मोदी के इस दौरे पर भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक डीलों पर मुहर लगेगी. लेकिन डिफेंस डील सबसे अहम मानी जा रही हैं. पीएम के इस दौरे पर भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होने वाली है. इससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि रक्षा औद्योगिक सहयोग का रोडमैप पीएम मोदी की यात्रा के प्रमुख परिणामों में से एक होने की उम्मीद है.
कई गुना बढ़ेगी भारत की ताकत
भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होने वाली है. 21 जून से पीएम मोदी के अमेरिकी दौर पर ये डील फाइनल होगी जिससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. पीएम मोदी के इस दौरे से पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए और उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की. जेक सुलिवन को इस मेगा डिफेंस डील का सूत्रधार माना जाता है. उनके साथ मिलकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस साल जनवरी के बाद जबरदस्त काम किया. डिफेंस डील की बारीकियों को साझा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया. वहीं इस मुलाकात से पहले आईसीईटी की बैठक के दौरान जेक सुलिवान ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन की खुशी साझा की.
जनवरी 2023 से हो रही डोभाल-सुलिवन की बातचीत
जेक सुलिवन और अजीत डोभाल के बीच जनवरी 2023 के बाद बातचीत शुरू हुई थी. कई दौर की बातचीत के बाद अब भारत-अमेरिका का रक्षा सौदा निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. ये सौदा रूस के साथ भारत के रक्षा संबंधों में आई अड़चनों के बीच तेजी से आगे बढ़ा. दरअसल, यूक्रेन युद्ध में उलझा रूस भारत की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा नहीं कर पा रहा था और उधर चीन का खतरा भारत ही नहीं दुनिया के लिए लगातार बढ़ता जा रहा था.
जानिए इस दौरे में कौन-कौन से समझौते होने वाले हैं
पहला समझौता - भारत में जीई-414 जेट इंजन का निर्माण
चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को अपने लड़ाकू विमानों की तादाद तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. इस वक्त तेजस मार्क-2 के लिए नए इंजन की जरूरत थी. पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे में GE F414 Engine का निर्माण भारत में होने पर मुहर लग जाएगी. इससे जेट इंजन भारत में बनने लगेगा. इसके लिए अमेरिका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर सहमत हो गया है. इस कदम से फाइटर जेट्स को लेकर भारत की निर्भरता दूसरे देशों पर कम होगी और देसी तकनीक के जरिए एयर पावर बढ़ाने की दिशा में हम आगे बढ़ पाएंगे.
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दूसरा समझौता - M-777 लाइट होवित्जर अपग्रेड का ऑफर
भारत के पास इस वक्त M-777 लाइट होवित्जर तोप हैं जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक के पहाड़ी इलाकों में चीन का मुकाबला करने के लिए तैनात हैं. मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले अमेरिका ने इसे अपग्रेड कर इसकी रेंज बढ़ाने का ऑफर दिया है. इससे इस तोप की मारक क्षमता बढ़ जाएगी.
तीसरा समझौता - स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन का साझा उत्पादन
दुनिया की सबसे ताकतवर बख्तरबंद गाड़ियां हैं, स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन. अपने मोबाइल गन सिस्टम के साथ, 105 एमएम की तोप और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस ये वाहन टैंकों को भी तबाह करने की ताकत रखता है. अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली स्ट्राइकर वाहन को भारत के साथ मिलकर बनाने का ऑफर दिया है.
चौथा समझौता - अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को ट्रांसफर, क्या है इसकी खासियत
अमेरिका का बेहद खतरनाक ड्रोन 1200 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है. तालिबान और ISIS के खिलाफ अमेरिका ने इन ड्रोन्स के जरिए अचूक हमले किए. भारत को अपनी लंबी समुद्री सीमा और थल सीमा की निगरानी के लिए भी इस ड्रोन की खास जरूरत थी. लिहाजा रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से इस खरीदारी को हरी झंडी दे दी. वहीं पीएम मोदी के दौरे पर इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है. रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन 31 MQ-9B की खरीदारी को हरी झंडी दी थी. माना जा रहा है कि पीएम मोदी प्रीडेटर ड्रोन की खरीद की 3 बिलियन डॉलर की इस डील का ऐलान कर सकते हैं. अमेरिका का बेहद खतरनाक ड्रोन 1200 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है.
पांचवां समझौता - अमेरिका के दूर तक मार करने वाले बम-मिसाइल का निर्माण
भारत चाहता है कि वो हवा से हवा में मार करने वाले अमेरिकी मिसाइल और लंबी रेंज वाले आर्टिलरी बम का निर्माण अपने देश में करे. मुमकिन है कि ये समझौता भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर होगा.