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OTT Platforms के सेल्फ रेगुलेशन के लिए सरकार बनाएगी कानून

सरकार चाहती है ओटीटी के तमाम प्लेयर्स, खुद ही एक सेल्फ रेगुलेशन बनाएं, ताकि वहां दिखाई जाने वाली फिल्म या वेब सीरीज पर नजर रखी जा सके.

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OTT प्लेटफॉर्म के लिए नया कानून (सांकेतिक फोटो)
OTT प्लेटफॉर्म के लिए नया कानून (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • OTT Platforms के सेल्फ रेगुलेशन के लिए कानून
  • नई वेबसीरीज तांडव को लेकर मचा हुआ है बवाल
  • केंद्र सरकार जल्द लाएगी कानून

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आई नई फिल्म तांडव को लेकर एक बार फिर देश में हंगामा मचा हुआ है. तांडव फिल्म के कंटेंट को लेकर कई संगठनों ने नाराजगी जताई है और सूचना प्रसारण मंत्रालय में फिल्म पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाले फिल्म और वेब सीरीज को लेकर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई मामले हैं. आठ राज्यों के हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर सरकार से अश्लीलता पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन बनाए जाने की सलाह भी दी  है. 

सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है ओटीटी के तमाम प्लेयर्स, खुद ही एक सेल्फ रेगुलेशन बनाएं, ताकि वहां दिखाई जाने वाली फिल्म या वेब सीरीज पर नजर रखी जा सके. लेकिन अब तक ओटीटी प्लेयर्स की तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं हुई है. 

सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पिछले साल ओटीटी प्लेयर्स के साथ तीन बैठक की थी. लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. ऐसे में सरकार आने वाले वक्त में नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम और हॉटस्टार सहित देश में चलने वाले सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के स्व-नियमन यानी सेल्फ रेगुलेशन के लिए कानून बनाने जा रही है.

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जैसे फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड, अखबारों के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और टीवी न्यूज चैनल के लिए अपना सेल्फ रेगुलेशन है, उसी तर्ज पर ओटीटी वाले भी या तो अपना सेल्फ रेगुलेशन बनाएं, नहीं तो सरकार इसके लिए कदम उठाएगी.

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