राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मुर्शिदाबाद में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की. हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करने के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की दुर्दशा पर गहरी चिंता जताई. उनका कहना है कि इस हिंसा में महिलाओं के घर लूटे गए, उनमें आग लगा दी गई और उन्हें गंभीर धमकियां दी गईं. उन्होंने कहा कि ये दर्द नहीं समझने वाले लोग भी समान रूप से दोषी हैं.
एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष विजया रहाटकर ने महिलाओं के हालात का जायजा लेने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार से त्वरित और सख्त कार्रवाई करने की अपील की. उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं को उनके ही गांवों में कैद कर दिया गया है. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक महिला जो कुछ दिन पहले ही मां बनी थी, उसे अपने चार दिन के नवजात बच्चे के साथ अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा.
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राज्य महिला आयोग के अधिकारियों से की ये अपील
राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य महिला आयोग के अधिकारियों से भी अपील की वे भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें और अपनी सहानुभूति जताएं. उन्होंने कहा, "यह आपका दायित्व है कि आप उन महिलाओं के साथ खड़े हों, जिन्होंने अपने जीवन का सबसे बुरा दौर देखा है."
एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने बीएसएफ की सराहना की
बीएसएफ की सराहना करते हुए एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि अगर बीएसएफ नहीं होती तो हालात और भी बुरे होते. उन्होंने कहा कि आयोग इस मामले की रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय के सामने पेश करेगा, जिसे बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ भी साझा किया जाएगा.
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राजनीतिक माहौल ना बनाने की अपील
महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने अपील की कि यह राजनीतिक माहौल बनाने का समय नहीं है, बल्कि पीड़ितों की मुश्किलों और उनके दुखों को समझने और उनके लिए कुछ करने का समय है, जिन्होंने इस दर्द को नहीं समझा, वे भी समान रूप से अपराधी हैं.