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'TMC के खिलाफ साजिश रच रहे BJP-कांग्रेस, पंचायत चुनाव हिंसा के लिए हम जिम्मेदार नहीं', बोलीं ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस, AAP और CPI(M) बीजेपी के सबसे अच्छे दोस्त हैं. फिर भी आप संसद में हमारा समर्थन चाहते हैं, हम बीजेपी के खिलाफ आपकी मदद करेंगे. लेकिन बंगाल में हमसे समर्थन मांगने मत आइए.

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ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान होते ही हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. इसी बीच बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि भांगर में जो हिंसा हुई है, उसके लिए TMC जिम्मेदार नहीं है. हिंसा में टीएमसी के 2 समर्थकों की मौत हो गई थी. मैं कहूंगी कि नॉमिनेशन यथासंभव शांतिपूर्ण थे. भांगर हिंसा कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से हुई.

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती का बहाना ढूंढ रही है. विधानसभा चुनाव के दौरान बीएसएफ ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआईएम TMC के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. ममता ने कहा कि कांग्रेस, AAP, CPI(M) बीजेपी के सबसे अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन करेंगे, लेकिन बंगाल में कांग्रेस की मदद नहीं लेंगे. साथ ही कहा कि हम 2024 में पीएम मोदी को हटा देंगे.

ममता ने कहा कि मैं चुनौती देती हूं कि कोई मुझे बता दे कि किसी भी राज्य में इतने शांतिपूर्वक पंचायत चुनाव होते हैं, जहां इतनी शांति से ऩॉमिनेशन की प्रक्रिया पूरी होती है. उन्होंने कहा कि बाम, राम, श्याम हर समय शिकायत करने के लिए एक साथ आ जाते हैं. ममता ने कहा कि पंचायत चुनाव में कुल 2.31 लाख नामांकन दाखिल किए गए हैं, इसमें से 82,000 नामांकन TMC द्वारा किए गए थे, जबकि अन्य दलों ने 1-1.5 लाख नामांकन दाखिल किए हैं. 

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बंगाल की सीएम ने कहा कि मैं केंद्र से पूछना चाहती हूं कि जब रेल दुर्घटनाएं होती हैं, चक्रवात आते हैं तो आपकी सेना कहां होती है? यहां 61,000 बूथ हैं और केंद्र सिर्फ 2 छिटपुट घटनाओं पर ध्यान दे रहा है. लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि आप (केंद्र) अपनी सेना को मणिपुर ले गए थे और फिर भी एक मंत्री के घर को आग के हवाले कर दिया गया था. 150 से ज्यादा लोग मारे गए.

ममता ने कहा कि 2013 के चुनाव में केंद्रीय बलों को तैनात किया गया था. 2003 में भी CPI(M) के शासनकाल में जब चुनाव हुए थे, तब काफी हिंसा हुई थी. तब 70 लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा कि मुझे एनआरसी का समर्थन करने के लिए कहा गया था लेकिन मैंने इसका विरोध और निंदा की. क्योंकि केंद्र ने बिना दस्तावेजों के लोगों को विदेशी नागरिक के तौर पर क्लासीफाइड करने के लिए कहा था. बंगाल में लोग लोकतांत्रिक माहौल में रहते हैं. 


(रिपोर्ट- दीपनीता दास)

 

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