कोलकाता के आरजी कर मामले में एक नया मोड़ आया है, जहां पीड़िता के परिवार ने कोलकाता की निचली अदालत में गंभीर आरोप लगाए हैं. परिवार का दावा है कि उनकी बेटी के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल उसकी मृत्यु के बाद भी किया गया और उसे एक व्हाट्सएप्प ग्रुप से हटा दिया गया. यह मामला सोमवार को सियाल्दह कोर्ट में पेश किया गया, जहां पीड़िता के वकील राजदीप हलदर ने कोर्ट के सामने एक गोपनीय दस्तावेज पेश किए.
इस दस्तावेज में उन जानकारी के बारे में बताया गया है, जिन्हें परिवार ने विभिन्न प्लेटफार्मों से इकट्ठा किया है. परिवार का कहना है कि पीड़िता की मृत्यु के कुछ महीनों बाद भी उसके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हुआ था. यह जानकारी व्हाट्सएप्प ग्रुप की गतिविधियों से मिली है.
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मोबाइल फोन सीबीआई की ही कस्टडी में है!
वकील का यह भी दावा है कि आरजी कर मामले के बाद कोलकाता पुलिस ने पीड़िता का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था, बाद में यह सीबीआई के हवाले कर दिया गया. तभी से मोबाइल फोन सीबीआई की ही कस्टडी में है.
सियाल्दह कोर्ट के जज ने सीबीआई से केस डायरी की मांग की है और अगली सुनवाई में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पीड़िता के पिता ने कोर्ट के बाहर कहा, "हम मानते हैं कि मेरी बेटी की मौत का राज उस मोबाइल फोन में छुपा है. हमें अचानक पता चला कि उसकी मौत के कुछ महीनों बाद उसका नंबर व्हाट्सएप ग्रुप से हटाया गया."
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साइबर एक्सपर्ट ने मामले पर क्या कहा?
साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि व्हाट्सएप्प के नीति के मुताबिक, अगर कोई खाता 120 दिनों तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे स्वचालित रूप से हटा दिया जाता है. इसके बावजूद, पीड़िता के वकील राजदीप हलदर का कहना है कि "हम सीबीआई के जवाब का इंतजार कर रहे हैं." इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 जून को होगी.