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दिल्ली में विधायकों की बढ़ेगी सैलरी, जानिए किस राज्य में कितना है विधायकों का वेतन ?

दिल्ली में अभी विधायकों की बेसिक सैलरी 12000 रुपये है. निर्वाचन क्षेत्र अलाउंस के तौर पर उन्हें 18000 रुपये, सेक्रेटिएट अलाउंस 10000 रुपये, टेलीफोन भत्ता 8000 रुपये और वाहन भत्ता 6000 रुपये मिलता है. इस तरह से कुल 54000 रुपये हर महीने मिलते हैं. लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक, अब विधायकों को भत्तों समेत 90 हजार रुपये हर महीने मिलेंगे.

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दिल्ली विधानसभा में अगस्त 2021 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया था.
दिल्ली विधानसभा में अगस्त 2021 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया था.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में 54 हजार की जगह 90 हजार रुपये होगी विधायकों की मासिक सैलरी
  • केंद्र सरकार ने दिल्ली के प्रस्ताव को दी मंजूरी
  • अभी तेलंगाना में सबसे ज्यादा, त्रिपुरा में सबसे कम है सैलरी

दिल्ली में विधायकों के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली के सभी 70 विधायकों की सैलरी बढ़ने वाली है. दरअसल, केंद्र सरकार ने विधायकों की सैलरी में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब विधायकों की सैलरी ( भत्तों को मिलाकर) 90 हजार रुपये प्रति महीने हो जाएगी. अभी दिल्ली में विधायकों को 54 हजार रुपये प्रति महीने मिलते हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार के मुताबिक, अभी भी ये सैलरी अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है. भारत में विधायकों को सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है. यहां सभी भत्तों को मिलाकर एक विधायक को हर महीने 2.5 लाख रुपये मिलते हैं. 

दिल्ली में अभी कितनी है मौजूदा सैलरी और भत्ते?

दिल्ली में अभी विधायकों की बेसिक सैलरी 12000 रुपये है. निर्वाचन क्षेत्र अलाउंस के तौर पर उन्हें 18000 रुपये, सेक्रेटिएट अलाउंस 10000 रुपये, टेलीफोन भत्ता 8000 रुपये और वाहन भत्ता 6000 रुपये मिलता है. इस तरह से कुल 54000 रुपये हर महीने मिलते हैं. लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक, अब विधायकों को भत्तों समेत 90 हजार रुपये हर महीने मिलेंगे. दिल्ली के विधायकों की सैलरी इससे पहले 2011 में बढ़ाई गई थी. 

2015 में केंद्र ने क्यों ठुकरा दिया था प्रस्ताव?

दिल्ली की AAP सरकार ने दिसंबर 2015 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया था. इसमें विधायकों की सैलरी 54 हजार से बढ़ाकर 2.10 लाख महीना करने का प्रस्ताव था, लेकिन इस बिल को केंद्र ने रद्द कर दिया था. इस मामले में भाजपा का कहना था कि 2015 का प्रस्ताव नियमों का उल्लंघन करके पास किया गया था. इस वजह से उसे मंजूरी नहीं मिली. इतना ही नहीं केंद्र ने AAP सरकार से प्रस्ताव में कुछ परिवर्तन करने की सलाह भी दी थी. 

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भारत में विधायकों को किस राज्य में कितनी सैलरी मिलती है?

देश के सभी राज्‍यों में विधायकों को अलग अलग सैलरी मिलती है. इतना ही नहीं हर राज्य में अलग अलग भत्ते भी दिए जाते हैं. भारत में इस समय सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है. यहां विधायकों को भत्तों को मिलाकर हर महीने 2.50 लाख रुपये सैलरी मिलती है. हालांकि, तेलंगाना में विधायकों की सैलरी बस 20 हजार है, लेकिन भत्तों के तौर पर हर महीने 2,30,000 रुपये मिलते हैं. वहीं, सबसे कम सैलरी त्रिपुरा में विधायकों को मिलती है. यहां हर महीने 48 हजार रुपये सैलरी मिलती है. 

किस राज्य में कितनी है विधायकों की सैलरी
 

दिल्ली सरकार की ओर से जारी डेटा के मुताबिक, सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है. इसके अलावा उत्तराखंड में विधायकों को हर महीने 1.98 लाख रुपये मिलते हैं. इसके अलावा हिमाचल में 1.90 लाख , हरियाणा में 1.55 लाख , बिहार में 1.30 हजार,  राजस्थान में 1.42 लाख रुपये, आंध्र में  1,25,000  रुपये, गुजरात में 1,05,000  और उत्तर प्रदेश में 95,000  रुपये प्रति महीने सैलरी मिलती है.  
सैलरी में हो सकता है अंतर 

कई तरह के भत्तों की वजह से इसमें अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश में ही सभी तरह के भत्तों को मिलाने के बाद एक विधायक को करीब 1.87 लाख रुपए मिलते हैं. वहीं, एक से ज्यादा बार विधायक रह चुके विधायकों की सैलरी इससे भी ज्यादा होती है. 
 

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