scorecardresearch
 

कश्मीर में आतंकियों की बदली रणनीति? पिछले 10 दिन में आम नागरिकों पर हुए हमले

जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार बाहरी मजदूरों और लोगों को निशाना बना रहे हैं. बुधवार को सतीश सिंह की हत्या करने के बाद कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नाम के आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. वहीं कुलगाम जिले में ऐसे पोस्टर लगे हुए देखे गए थे जिसमें अज्ञात आतंकवादी संगठन ने गैर स्थानीय लोगों को घाटी छोड़ने की चेतावनी दी है. ये चेतावनी कश्मीरी पंडितों को भी दी गई है कि वे घाटी छोड़कर चले जाएं.

Advertisement
X
कश्मीर पुलिस ने इन हमलों को लेकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. -फाइल फोटो
कश्मीर पुलिस ने इन हमलों को लेकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उमर अब्दुल्ला ने हमले को बताया गलत
  • आतंकी हमलों को लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर

कश्मीर में आतंकियों की रणनीति बदलती दिख रही है. घाटी में पिछले 10 दिन में आम नागरिकों, कश्मीरी पंडितों पर हमले बढ़ गए हैं. बुधवार को कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी. बाहरी मजदूरों और कश्मीर पंडितों को टारगेट करने का ये सबसे नया मामला है, जो पिछले सात महीनों में कश्मीर में फैल रहा है.

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में बुधवार को आतंकवादियों ने पेशे से ड्राइवर सतीश कुमार सिंह को काकरान गांव में गोली मार दी. अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई. अधिकारियों के मुताबिक, सतीश सिंह के सिर में गोली मारी गई थी. इससे पहले पुलवामा जिले में रविवार को एक प्रवासी मजदूर को आंतकियों ने गोली मार दी थी.

पिछले 10 दिन में आतंकवादियों ने प्रवासी मजदूरों और कश्मीरी पंडितों पर हमले तेज कर दिए हैं. पिछले हफ्ते पुलवामा में दो अलग-अलग हमलों में चार प्रवासी मजदूर घायल हो गए थे. शोपियां में भी आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित दुकानदार को गोली मारकर घायल कर दिया था. 

- 3 अप्रैल को पुलवामा के लोजूरा में बिहार निवासी दो मजदूर, शोपियां के छोटीगाम में कश्मीरी पंडित को गोली मारकर घायल कर दिया था.
- 7 अप्रैल को पुलवामा के याडर में पठानकोट निवासी एक मजदूर को आतंकियों ने गोली मारकर घायल कर दिया था. 
- 13 अप्रैल को राजपूत परिवार के एक व्यक्ति की आतंकियों ने हत्या कर दी थी.

Advertisement

अक्टूबर से शुरू हुई है प्रवासी मजदूरों को टारगेट करना

दरअसल, घाटी में प्रवासी मजदूरों और कश्मीरी पंडितों को टारगेट करने की शुरूआत अक्टूबर में हुई थीं. आंतकियों का शिकार बने लोगों में ज्यादातर जम्मू और कश्मीर के बाहर के प्रवासी थे जो नौकरी की तलाश में आए थे.

अक्टूबर में आतंकियों ने पांच दिनों में सात नागरिकों की हत्या कर दी. इनमें से एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और दो गैर-स्थानीय हिंदू शामिल थे.

मामले को लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर

इस मामले का राजनीतिक असर भी देखने को मिल रहा है. कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर लोगों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं और कश्मीर और कश्मीरियत दोनों खतरे में है. कश्मीर के नाम पर सालों से राजनीति करने वाली बीजेपी आजकल कहां गायब है."

कश्मीर पुलिस ने दिया ये बयान

बुधवार को आम नागरिक को निशाना बनाए जाने के बाद कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया, "कुलगाम निवासी नागरिक सतेश कुमार सिंह ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस अपराध में शामिल आतंकवादियों को जल्द ही ढेर कर दिया जाएगा. इसमें शामिल आतंकवादियों की तलाश की जा रही है."

उमर अब्दुल्ला ने भी हमले को बताया गलत

Advertisement

अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, "मैं सतीश कुमार सिंह पर हुए हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं, जिसमें उनकी जान चली गई. इस तरह के हमलों का कभी भी औचित्य नहीं हो सकता. उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस कठिन समय में शक्ति मिले."

ये भी पढ़ें

 

Advertisement
Advertisement