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कर्नाटक: हासन में अचानक मौतों पर सरकार ने कहा- दिल से जुड़ी मौतों में बढ़ोतरी का कोई प्रमाण नहीं

सरकार की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मई-जून 2024 की तुलना में दिल से जुड़ी वजहों से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी नहीं दर्ज की गई है. हासन, बेंगलुरु, मैसूर और कलबुर्गी में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की तादाद में कमी आई है.

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हासन में अचानक हो रही मौतों पर सरकार ने जारी की रिपोर्ट (Photo: Representational)
हासन में अचानक हो रही मौतों पर सरकार ने जारी की रिपोर्ट (Photo: Representational)

कर्नाटक (Karnataka) के हासन जिले में हार्ट अटैक से संबंधित मौतों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. जिले में युवा लोगों की हो रही अचानक मौतों पर जांच की एक रिपोर्ट आई है. कर्नाटक सरकार ने मई-जून 2025 में दर्ज 24 मौतों की जांच का आदेश दिया था. रिपोर्ट में कई तरह के पहलू निकल कर सामने आए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हासन में दिल से जुड़ी मौतों में अचानक बढ़ोतरी का कोई प्रमाण नहीं है. ज्यादातर मौतें मौजूदा जोखिमों की वजह से हुई हैं. हालांकि, युवाओं की मौत एक ख़तरे की घंटी है और कार्रवाई की जरूरत की तरफ इशारा करती है. 

जांच में क्या पता चला?

रिपोर्ट में सामने आया है कि 14 मौतें 45 साल से कम उम्र के लोगों की हुई हैं. 10 मौतें 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की हुईं. वहीं, 4 मौतें गैर-हृदय संबंधी (जैसे, गुर्दे की बीमारी, दुर्घटना, संक्रमण, बिजली का झटका) वजहों से हुई हैं. 20 लोगों की मौत के पीछे दिल से संबंधित संभावित कारण माना गया. 10 मौतों के पीछे की वजह दिल का दौरा बताया गया है.

मृतकों में कुछ सामान्य वजहें भी सामने आई हैं. इसमें 8 मौतें मोटापा, 8 मौतें शराब पीने, 7 मौतें मधुमेह, 6 मौतें धूम्रपान, 6 मौतें हाई ब्लड प्रेशर, 3 मौतें हृदय रोग और तीन मौतें पारिवारिक वजहों से हुईं.

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रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि युवाओं (19 से 43 वर्ष की उम्र) में कई अचानक मौतें हुईं, जिनमें से कुछ को पहले से कोई दिल से जुड़ा रोग नहीं था.

यह भी पढ़ें: सिद्धारमैया कोई KRK नहीं हैं, हासन की संदिग्‍ध मौतों का ठीकरा कोविड वैक्सीन पर क्‍यों फोड़ रहे हैं?

सरकार की तरफ से कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं, जो इस तरह हैं.

  • अस्पताल के बाहर अचानक होने वाली मौतों के लिए शव परीक्षण अनिवार्य करें.
  • सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ईसीजी मशीनें और आपातकालीन हृदय संबंधी दवाइयां उपलब्ध रहनी चाहिए.
  • स्कूलों, जिम और अन्य सार्वजनिक जगहों पर सीपीआर ट्रेंनिंग दी जाए. 
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर एईडी (आटोमेटिक डिफ़िब्रिलेटर) स्थापित किया जाए.
  • हाई रिस्क वाले व्यवसायों (जैसे, टैक्सी और ऑटो चालक) के लिए हृदय की जांच.

सरकार की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मई-जून 2024 की तुलना में दिल से जुड़ी वजहों से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी नहीं दर्ज की गई है. हासन, बेंगलुरु, मैसूर और कलबुर्गी में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की तादाद में कमी आई है. 

कई पीड़ितों को अस्पताल नहीं ले जाया गया या उन्हें "मृत" घोषित कर दिया गया. कई मामलों में पोस्टमार्टम और क्लीनिकल डेटा की कमी के कारण मौत के पीछे की सटीक वजह पता करना मुश्किल हो गया. कई बार परिवारों से कम सहयोग मिलने की वजह से भी चांज में बाधा आई.

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