झारखंड (Jharkhand) की राजनीति में एक बार फिर से उठापटक मची हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बीजेपी में शामिल होने को लेकर सहमति जता दी है. वहीं, उनके बीजेपी में शामिल होने को लेकर कांग्रेस सीनियर लीडर राजेश ठाकुर ने कहा, 'चंपाई अब भारतीय जनता पार्टी के जाल में फंस गए हैं. उनका कहना है कि उनका अपमान किया गया, लेकिन हेमंत सोरेन ने उन्हें सबसे बेहतर दिया और जो मुकाम उन्होंने हासिल किया, वह अब उनके लिए सपना है.'
राजेश ठाकुर ने आगे कहा कि चंपाई सोरेन को फिर से मंत्री बनाया गया. हेमंत ने चंपाई को शामिल करने के लिए अपने भाई बसंत सोरेन की कुर्सी कुर्बान कर दी. वे देशद्रोही हैं.
'पहले सोचा संन्यास ले लूं...'
चंपाई सोरेन को लेकर कई दिनों से अटकलें आ रही थीं कि वो बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं. उन्होंने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि वो बीजेपी का हाथ थामने जा रहे हैं. चंपाई सोरेन ने कहा, 'ये मेरा नया अध्याय है. पहले सोचा संन्यास ले लूं फिर जनता की मांग पर राजनीति में रुकने का फैसला लिया. मंथन के बाद सोचा कि पीएम मोदी के साथ जाना चाहिए. मैं बीजेपी में शामिल होने जा रहा हूं'
इससे पहले सोमवार को चंपाई सोरेन की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस मुलाकात एक तस्वीर सोशल मीडिया पर भी शेयर की थी और लिखा था कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता, चंपाई सोरेन जी ने कुछ देर पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की. वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल होंगे.
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चंपाई को क्यों साध रही है BJP
कोल्हान टाइगर के नाम से प्रसिद्ध चंपाई सोरेन पार्टी के संरक्षक शिबू सोरेन के बाद जेमम में सबसे सीनियर आदिवासी नेता थे. पार्टी में उनका कद इस बात से समझा जा सकता है कि जब हेमंत सोरेन ने ईडी की गिरफ्तारी के कारण झारखंड के मुख्यमंत्री पद से हटने का फैसला किया, तो उनके कैबिनेट सहयोगी जोबा माझी की जगह चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया.
हालांकि, रांची जेल से रिहा होने के बाद 4 जुलाई को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री दफ्तर लौट आए और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. चंपाई सोरेन को झारखंड कैबिनेट में नए शिक्षा मंत्री के तौर पर शामिल किया गया, लेकिन यह बात 'कोल्हान के टाइगर' को रास नहीं आई. और उन्होंने कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया.
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