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बीमार पिता-गर्भवती पत्नी, 6 लोगों को अकेला पालता था दीपू... आतंकियों ने कर दी थी हत्या

जम्मू कश्मीर में सोमवार को आतंकियों ने दीपू कुमार नाम के एक शख्स की हत्या कर दी थी. सर्कस में काम करने वाले दीपू कुमार की उस समय आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह बाजार दूध लेने गया था. इस घटना को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन के आतंकियों ने अंजाम दिया. 

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दीपू कुमार की गर्भवती पत्नी
दीपू कुमार की गर्भवती पत्नी

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को आतंकियों ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी. मारे गए व्यक्ति की पहचान दीपू कुमार के रूप में हुई है, जो एक सर्कस में काम करता था. वह परिवार में इकलौता कमाने वाला शख्स था. 

मंडी इलाके के जंगलाट जिले के एक सर्कस में काम करने वाले दीपू कुमार की सोमवार को उस समय आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह बाजार दूध लेने गया था. इस घटना को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन के आतंकियों ने अंजाम दिया. 

कुमार के शव को मंगलवार को उधमपुर जिले के थियाल गांव लाया गया, जहां स्थानीय लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया.

बीमार पिता, नेत्रहीन भाई और गर्भवती पत्नी

दीपू के परिवार में एक बीमार पिता है, जिन्हें कम सुनाई देता है. एक भाई है, जो पूरी तरह से नेत्रहीन है. भाई की पत्नी और बच्चे हैं. दीपू की दो साल पहले ही शादी हुई है, उसकी पत्नी गर्भवती हैं और अगले महीने बच्चे को जन्म दे सकती है.

स्थानीय निवासी शंकर दास ने बताया कि कुमार परिवार में अकेले कमाने वाला शख्स था. उसके परिवार में उसका बीमार पिता माशु राम, नेत्रहीन भाई राजू और उसकी पत्नी और उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं.

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उन्होंने कहा कि यह परिवार एक दशक पहले ही कठुआ जिले से यहां आकर बसा था. कुमार की मां की कुछ समय पहले ही मौत हुई है. उनके बड़े भाई राजू चार साल पहले अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं जबकि उनके पिता को कम सुनाई देता है.

राजू ने कहा कि बीते छह साल से वह कश्मीर में रह रहा था और अपने सर्कस के साथ एक जगह से दूसरी जगह जाकर दो वक्त की रोटी जुटाता था. उसकी मौत से ठीक पहले हमारी उससे बात हुई थी. उसने परिवार के मेडिकल खर्चों को पूरा करने के लिए कुछ पैसे भी ट्रांसफर किए थे.

बेटे के लिए न्याय मांगता बेसुध पिता

कुमार की मौत की खबर सुनने के बाद उसके पिता बेसुध हैं. वह कहते हैं कि मेरे बेटे का क्या कसूर था. वह तो परिवार के लिए कमाता था. पूरे परिवार ने कुमार के लिए न्याय की मांग की है.

वहीं, जिस सर्कस के साथ दीपू कुमार काम करता था. उस सर्कस के मालिक अभि शर्मा का कहना है कि वे दो महीने से जंगलाट मंडी इलाके में हैं और एक या दो दिन के भीतर किसी दूसरी जगह जाने की योजना बना रहे थे.

उन्होंने कहा कि दीपू की दो साल पहले शादी हुई थी और उसकी पत्नी गर्भवती है और 15 जून के आसपास उसकी डिलिवरी हो सकती है.

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पाकिस्तान के विरोध में नारेबाजी के बीच बड़ी संख्या में गांववाले बूंदाबांदी के बीच दोपर 1.30 बजे कुमरा के शव को लेने उमड़ पड़े. पुलिस का कहना है कि दीपू कुमार पास के बाजार गया था कि तभी बाइक वार लोगों ने उस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी. उसे पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

कश्मीर जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है.

दीपू के परिवार के लिए पांच लाख रुपये का मुआवजा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस आतंकी हमले की निंदा की और घाटी में इस तरह की हत्याओं को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा कदम उठाने को कहा है. 

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि सरकार और पूरा देश इस परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. उन्होंने दीपू के परिवार के लिए पांच लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया. 
 

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