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'...आप कर दीजिए, सबका दिमाग ठिकाने आ जाएगा', सभापति धनखड़ से क्यों बोले कांग्रेस सांसद

राज्यसभा में सोमवार को कार्यवाही की हंगामेदार शुरुआत हुई और सदन की कार्यवाही पहले 11 बजकर 50 मिनट, फिर 13 मार्च को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले सदन में पक्ष और विपक्ष के सांसदों में तीखी नोक-झोक भी हुई.

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राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो)
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो)

राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को नहीं चल सकी. सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच और कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल का सस्पेंशन समाप्त करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. इसके कारण आज सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी. सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही पहले 11 बजकर 50 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी और फिर दोबारा जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, इसे 13 मार्च को 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा.

राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोक भी देखने को मिली. सत्ता पक्ष ने मोदी-मोदी के नारे लगाए तो वहीं विपक्ष ने मोदी-अडानी भाई-भाई, देश बेच के खाए मलाई के नारे लगाए. इस दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शांति बनाए रखने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि देश की जनता चाहती है कि राज्यसभा में डायलॉग और डिबेट हो.

इस पर विपक्ष ने कहा कि देश की जनता चाहती है कि अडानी मुद्दे की जेपीसी जांच हो. विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल के सस्पेंशन का मुद्दा भी उठाया. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि वीडियो इस सदन में पहले भी बने हैं. प्रमोद तिवारी ने रूलिंग बताते हुए रजनी पाटिल के सस्पेंशन का विरोध किया तो वहीं राज्यसभा में पीयूष गोयल ने इसका समर्थन किया. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से तीखी नोक-झोक भी हुई.

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प्रमोद तिवारी ने सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ऐसा केवल आप ही कर सकते हैं. आप जेपीसी गठित कर दीजिए, सबका दिमाग ठिकाने आ जाएगा. इस पर भी पीयूष गोयल ने आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा केवल आप ही नहीं, आप भी कर सकते हैं. इसके बाद सदन में फिर से हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष के सांसद वेल में आ गए और 'मोदी-अडानी भाई-भाई, देश बेच के खाए मलाई' और 'वी वांट जेपीसी' के नारे लगाए.

नारेबाजी के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आगे नहीं चल सकी. सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही 13 मार्च को दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. विपक्ष की ओर से नियम 267 के तहत चर्चा के लिए भी नोटिस दिया गया था. विपक्ष की ओर से दिए गए स्थगन प्रस्ताव के इस नोटिस को सभापति ने अनुमति नहीं दी.

 

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