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...जब बीच सफर भारतीय फ्लाइट्स को लेना पड़ा U-Turn, कतर पर ईरान अटैक के बाद ऐसा था नजारा

ईरान द्वारा कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमले के बाद सोमवार रात कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को आधे रास्ते से लौटना पड़ा. मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद सहित कई शहरों से उड़ान भरने वाले विमान खाड़ी देशों की ओर जा रहे थे. सुरक्षा कारणों से एयरस्पेस बंद होने पर इन उड़ानों को या तो डायवर्ट किया गया या वापस लाया गया.

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जब हवा में ही विमानों को यू-टर्न लेना पड़ा
जब हवा में ही विमानों को यू-टर्न लेना पड़ा

भारतीय हवाई अड्डों से हजारों यात्रियों के साथ उड़ान भरने वाले पायलटों के लिए सोमवार की रात की शुरुआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन जैसे ही वे आधे रास्ते पहुंचे, ईरान ने कतर स्थित एक अमेरिकी एयरबेस पर बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं, जिससे इन उड़ानों को वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा.

ये उड़ानें मुंबई, हैदराबाद, वाराणसी, अमृतसर, कन्नूर, पुणे, चेन्नई, दिल्ली, लखनऊ और मंगलूरु से रवाना हुई थीं
ये उड़ानें मुंबई, हैदराबाद, वाराणसी, अमृतसर, कन्नूर, पुणे, चेन्नई, दिल्ली, लखनऊ और मंगलूरु से रवाना हुई थीं

कैप्शन: ये उड़ानें मुंबई, हैदराबाद, वाराणसी, अमृतसर, कन्नूर, पुणे, चेन्नई, दिल्ली, लखनऊ और मंगलूरु से रवाना हुई थीं।

India Today की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने फ्लाइट डेटा की समीक्षा के बाद पाया कि अधिकांश विमान जो अरब सागर के ऊपर उड़ान भर रहे थे, रात 10 बजे से 11 बजे के बीच वापस लौट आए.

फ्लाइट ट्रैकिंग फर्म Flightradar24 के आंकड़ों के मुताबिक, कम से कम 13 उड़ानों को - जो भारतीय एयरलाइनों द्वारा संचालित थीं - या तो वापस उनके मूल हवाई अड्डे पर या फिर नजदीकी सुरक्षित हवाई अड्डों पर लाया गया.

IndiGo, Air India, Air India Express और SpiceJet उन प्रभावित एयरलाइनों में शामिल रहीं. ये उड़ानें संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, कतर, सऊदी अरब और ओमान जा रही थीं.

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ईरान द्वारा सोमवार रात कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमला करने के बाद उड़ानों को लौटना पड़ा
ईरान द्वारा सोमवार रात कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमला करने के बाद उड़ानों को लौटना पड़ा

IndiGo की हैदराबाद-अबूधाबी उड़ान IGO1407 को खाड़ी क्षेत्र (Gulf of Oman) से रात 10:50 बजे के आसपास यू-टर्न लेना पड़ा और उसे सूरत डायवर्ट किया गया. वहीं, Air India Express की वाराणसी से शारजाह की उड़ान कुछ समय तक गोल घेरे में मंडराती रही और फिर अपने डेस्टिनेशन पर उतरी.

इसी तरह, कुवैत से दिल्ली, कोच्चि और तिरुवनंतपुरम की ओर जा रही Jazeera Airways की तीन उड़ानों को भी कुवैत लौटना पड़ा. Jazeera की उड़ान JZR405 ने कतर को पार कर लिया था, लेकिन भारतीय समय अनुसार 10:19 बजे यू-टर्न ले लिया.

यह सूची पूर्ण नहीं है, और कई अन्य उड़ानें भी प्रभावित हो सकती हैं

कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस को भी डायवर्जन का सामना करना पड़ा और उन्हें भारत के कई हवाई अड्डों पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी, इसके बाद ही वे खाड़ी या यूरोप की ओर रवाना हो सकीं. इनमें Etihad, Emirates और FlyDubai जैसी कंपनियां शामिल थीं.

मनीला, हो ची मिन्ह सिटी, हनोई और फुकेत जैसे शहरों से पश्चिम एशिया और यूरोप की ओर जा रही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी अपना रास्ता बदलना पड़ा. इनमें से कई को भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के हवाई अड्डों - जैसे हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, कोचीन, बेंगलुरु, चेन्नई, सिंगापुर और बहरीन के एयरपोर्ट पर उतरना पड़ा. कुछ को अपनी उड़ान ही रद्द कर वापस लौटना पड़ा.

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उदाहरण के लिए, मनीला से दोहा की लगभग आठ घंटे लंबी उड़ान को रास्ता बदलकर बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उतरना पड़ा. वहीं, नई दिल्ली से दुबई जा रही एक अन्य उड़ान को दिल्ली वापस लौटना पड़ा.

पूर्व नियोजित हमला

ईरान ने सोमवार रात कतर में स्थित अमेरिका के सबसे बड़े एयरबेस अल उदीद (Al Udeid) पर लगभग छह मिसाइलें दागीं. यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए बमबारी के जवाब में किया गया.

मिसाइल हमले से कुछ घंटे पहले ही कई खाड़ी देशों, जिनमें कतर, बहरीन, इराक और यूएई शामिल हैं - ने अस्थायी रूप से अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था. कतर ने तो सभी हवाई उड़ानों को पूरी तरह से निलंबित कर दिया था.

विमानन विश्लेषण कंपनी Cirium ने बताया कि सोमवार को दोहा की ओर जा रही लगभग दो दर्जन उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा, जिनमें अधिकांश Qatar Airways द्वारा संचालित थीं. इसके अलावा दुबई की ओर जा रही कई उड़ानों को भी रास्ता बदलना पड़ा.

इन अचानक हुई वापसी और डायवर्जन से एयरलाइनों को भारी वित्तीय और परिचालन संबंधी नुकसान हुआ है, क्योंकि वे किसी संभावित खतरे या हमले से बचने के लिए वैकल्पिक रास्ते चुनने पर मजबूर हुईं.

चूंकि रूस और यूक्रेन का हवाई क्षेत्र वर्षों से चल रहे युद्ध के चलते अधिकांश एयरलाइनों के लिए बंद है, इसलिए मध्य पूर्व का मार्ग यूरोप और एशिया के बीच उड़ानों के लिए और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. पिछले 10 दिनों से जारी मिसाइल और हवाई हमलों के कारण एयरलाइनों ने अब कैस्पियन सागर के उत्तर या मिस्र और सऊदी अरब के दक्षिणी मार्ग का सहारा लेना शुरू कर दिया है.
 

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