इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 के दूसरे दिन वायरस ओरेकलः कन्टैजन कन्टैनमेंट एंड द नेकस्ट क्राइसिस सेशन में विश्व प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर इयान लिपकिन ने भारत में स्कूल खोले जाने के फैसले पर कहा कि अमेरिका की तरह राजनीतिक रूप से यह कठिन निर्णय है.
कॉन्क्लेव में भारत में स्कूलों के फिर से खोले जाने के सवाल पर डॉक्टर लिपकिन ने कहा कि पूरी तरह से वैक्सीनेटेड भारतीय आबादी का प्रतिशत बेहद कम है, जो कि 20 प्रतिशत से भी कम है, जबकि 30 प्रतिशत आबादी 18 साल से कम की है और वैक्सीनेशन के योग्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि भारत के पास स्कूल खोलने के लिए पूरी तरह से सुरक्षा कवच नहीं है और अमेरिका की तरह राजनीतिक रूप से यह कठिन निर्णय है, जहां दक्षिणी राज्यों में वैक्सीनेशन की दर कम है. हम जो पुराना बोझ देखते हैं वह असाधारण है.
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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में डॉक्टर लिपकिन ने कहा कि, 'मुझे लगता है कि हम वायरस के खिलाफ लड़ाई में आधे रास्ते में बेहतर हैं और मुझे उम्मीद है कि लोग GAP (Global Alliance in preventing Pandemic) के वैश्विक गठबंधन में हमारे साथ भागीदारी करेंगे.'
उन्होंने कहा, "कोविड-19 ने पहली बार उभरने के बाद से हमें चौंका दिया है. मुझे उम्मीद है कि यह खत्म हो गया है, लेकिन बड़े विश्वास के साथ नहीं कह सकता, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसा रिस्पॉन्ड करते हैं."
जहां तक वैक्सीनेशन की बात है तो वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर इयान लिपकिन ने कहा कि दुनिया के 90 प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेशन की जरुरत होगी, और इस बीच हमें अभी भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और मास्क पहनने की जरूरत है.