भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भगोड़े हुसैन मोहम्मद शत्ताफ उर्फ हुसैन मेहबूब खोखावाला के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अधिकारियों के अनुसार, शत्ताफ महाराष्ट्र के लोनावाला में 2006 में सेवानिवृत्त मर्चेंट नेवी कैप्टन मनमोहन सिंह विर्दी की हत्या के मामले में वांछित है. यह घटना 14 मई 2006 को हुई थी, जब कैप्टन विर्दी की उनके लोनावाला स्थित बंगले में हत्या कर दी गई थी.
पुलिस के अनुसार, हुसैन शत्ताफ, उसकी पत्नी वहीदा शत्ताफ और एक अन्य आरोपी जानिश खान पर हत्या का आरोप है. चार्जशीट में हत्या के पीछे के मकसद के रूप में कैप्टन विर्दी और वहीदा के बीच कथित संबंध बताया गया था. अपराध के बाद शत्ताफ भारत से फरार हो गया और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर यूएई में अवैध रूप से रह रहा है.
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्यर्पण अनुरोध पिछले सप्ताह यूएई स्थित भारतीय दूतावास को भेज दिया गया है. एक अधिकारी ने कहा, 'भारत सरकार ने यूएई से भगोड़े शत्ताफ के प्रत्यर्पण की औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं.' उन्होंने जोड़ा कि भारत वांछित अपराधियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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शत्ताफ पर हत्या के अलावा जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात और झूठे विवरण पर पासपोर्ट प्राप्त करने के अलग-अलग मामले दर्ज हैं. उसने कथित तौर पर जाली विवाह प्रमाणपत्र बनवाकर यूएई में निवास प्राप्त किया. उसका भारतीय पासपोर्ट 2019 में जारी हुआ था, जो 2021 में समाप्त हो गया. बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले आरोपियों को बरी कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में उस फैसले को पलट दिया.
वर्ष 2024 में इंटरपोल ने शत्ताफ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया. कैप्टन विर्दी के परिवार ने लंबी लड़ाई लड़ते हुए विदेश मंत्रालय और अन्य एजेंसियों से मदद मांगी थी. अब प्रत्यर्पण प्रक्रिया से परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह कदम भारत की उस नीति को दर्शाता है जिसमें विदेशों में छिपे अपराधियों को वापस लाकर न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाता है.