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व‍िकास की दौड़ में इंड‍िया पहली बार टॉप 100 देशों में शामिल, चुनौतियां अब भी बाकी, पढ़ें- पूरी रिपोर्ट

साल 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक इंड‍िया G20 देशों में उन पांच देशों में शामिल है जो 2015 से 2024 के बीच सबसे तेज़ सुधार कर रहे हैं. इस दौरान भारत का स्कोर 7.6 अंक बढ़ा है. ये इंडोनेशिया के बराबर है और सिर्फ सऊदी अरब से थोड़ा पीछे है जिसने 8.1 अंकों की बढ़ोतरी की. 

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India among top 100 meeting UN’s Sustainable Development Goals.
India among top 100 meeting UN’s Sustainable Development Goals.

संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals - SDGs) की रैंकिंग में भारत पहली बार टॉप 100 देशों में शामिल हो गया है. साल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार भारत अब 167 देशों में से 99वें स्थान पर है. साल 2016 में जब भारत की रैंकिंग शुरू हुई थी, तब वह 110वें पायदान पर था. ये एक बड़ा सुधार है. 

क्या हैं ये SDGs?

SDGs यानी सतत विकास के 17 वैश्विक लक्ष्य हैं जिन्हें 2015 में संयुक्त राष्ट्र ने तय किया था. इनका उद्देश्य है 2030 तक गरीबी खत्म करना, पर्यावरण की रक्षा करना और सभी के लिए समृद्धि सुनिश्चित करना. 

सिर्फ टॉप 100 में नहीं, तेजी से सुधार करने वाले देशों में भी भारत शामिल

साल 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक इंड‍िया G20 देशों में उन पांच देशों में शामिल है जो 2015 से 2024 के बीच सबसे तेज़ सुधार कर रहे हैं. इस दौरान भारत का स्कोर 7.6 अंक बढ़ा है. ये इंडोनेशिया के बराबर है और सिर्फ सऊदी अरब से थोड़ा पीछे है जिसने 8.1 अंकों की बढ़ोतरी की. 

G20 औसत में 19 देशों के डेटा को शामिल किया गया है जिसमें यूरोपियन यूनियन और अफ्रीकी यूनियन के संयुक्त स्कोर शामिल नहीं हैं. 

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भारत के सामने बड़ी चुनौतियां, SDG इंडेक्स में ये 17 लक्ष्य शामिल

गरीबी उन्मूलन
भूख मिटाना
अच्छा स्वास्थ्य
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
लैंगिक समानता
जलवायु संरक्षण आदि

भोजन और पोषण सबसे बड़ी चिंता

भारत के लिए ‘शून्य भूख’ (Zero Hunger) का लक्ष्य अभी भी चुनौती बना हुआ है. इसमें कोई खास सुधार नहीं हो रहा है. ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में कुपोषण, असमान भोजन पहुंच और कृषि संकट जैसे मुद्दे बड़ी बाधाएं हैं. 

जिन क्षेत्रों में भारत को ज्यादा मेहनत करनी है

अच्छा स्वास्थ्य और सुख-शांति
लैंगिक समानता
टिकाऊ शहर और कम्युन‍िटी
जल के नीचे जीवन
भूमि पर जीवन
शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण संस्थान

इन क्षेत्रों में या तो हालात ज्यों-के-त्यों हैं या फिर थोड़े ही सुधार हो रहे हैं. साल 2030 के लक्ष्य पूरे करने के लिए इन क्षेत्रों में तेज़ी से काम करना जरूरी है. 

मध्यम सुधार वाले क्षेत्र – जहां प्रगति हुई है, पर चुनौतियां बाकी हैं

स्वच्छ जल और स्वच्छता
सस्ती और साफ ऊर्जा
गरिमामय काम और आर्थिक विकास
उद्योग, नवाचार और आधारभूत ढांचा
असमानताओं को कम करना
जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन

इन सभी क्षेत्रों में भारत की स्थिति थोड़ी सुधर रही है या ठहरी हुई है लेकिन 'Reduced Inequalities'में स्थिति संतोषजनक मानी गई है और यह ट्रैक पर है. 

कुछ और एरिया जिनमें भारत की स्थिति मिली-जुली है

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गरीबी उन्मूलन (No Poverty): इसमें भारत को ट्रैक पर माना गया है यानी सुधार की दिशा सही है. 
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education): इसमें सुधार की गति धीमी है, लेकिन स्कूल नामांकन और सीखने के नतीजे धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं. जलवायु कार्रवाई (Climate Action): यह सबसे गंभीर चुनौती है. रिपोर्ट में इसके लिए गिरावट का रुझान दिखाया गया है यानी हालात और बिगड़ रहे हैं. 

भारत ने पिछले कुछ सालों में सतत विकास के लक्ष्यों की दिशा में सराहनीय प्रगति की है. खासतौर पर G20 देशों में इसका प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है लेकिन जिन क्षेत्रों में रुझान गिरता हुआ या ठहरा हुआ है. वहां अब भी तेज और ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि 2030 तक तय लक्ष्य पूरे किए जा सकें. 

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