भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही ट्रेड एग्रीमेंट हो सकता है. अगले महीने अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम व्यापार वार्ता के लिए भारत दौरे पर आ रही है. व्यापार वार्ता में दोनों देशों के बीच जून 25 तक एक अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमति बनने की संभावना जताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
भारत के चीफ निगोशियेटर और कॉमर्स सचिव राजेश अग्रवाल ने पिछले सप्ताह वाशिंगटन में अपनी चार दिवसीय यात्रा पूरी की थी. उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों के साथ प्रस्तावित समझौते पर चर्चा की. वहीं, कॉमर्स मंत्री मंत्री पीयूष गोयल भी वाशिंगटन में व्यापार वार्ता पर बातचीत के लिए गए थे. वे अमेरिका के कॉमर्स सचिव हॉवर्ड लुटनिक से दो बार मिले.
भारत चाहता है द्विपक्षीय व्यापार समझौता
भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता चाहता है, जो कि फिलहाल पहला चरण होगा और अंतरिम समझौता होगा. इससे पहले अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाए थे, लेकिन बाद में ट्रंप ने तमाम मुल्कों लिए टैरिफ को स्थिगत कर दिया था, जिसका फायदा भारत को भी हुआ और फिलहाल भारत पर बेस टैरिफ 10 फीसदी लागू है. इस अंतरिम समझौते में भारत की उम्मीद है कि 26 फीसदी टैरिफ से पूरी तरह छूट मिल जाए.
भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड
दोनों देशों ने प्रस्तावित BTA (Bilateral Trade Agreement) के प्रथम चरण को इस साल सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की है. अमेरिका लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है. 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य USD 131.84 बिलियन रहा था, जिसमें अमेरिका भारत के कुल निर्यात का लगभग 18 प्रतिशत, आयात का 6.22 प्रतिशत और कुल व्यापार का 10.73 प्रतिशत रहा है.
भारत का अमेरिका के साथ USD 41.18 बिलियन का ट्रेड सरप्लस रहा है, जो पिछले वर्षों में निरंतर बढ़ा है. अमेरिका ने इस बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं. दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को USD 500 बिलियन से अधिक करने का लक्ष्य रखते हैं.