महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि हमें आश्वासन देने के बाद भी बैंक किसानों को ऋण देने से पहले उनका क्रेडिट स्कोर मांगते हैं.
डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, "इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, हम उन बैंकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे जो किसानों को उनके सिबिल स्कोर के आधार पर ऋण देने से मना करते हैं. हमने बैंकों से इस बारे में अपनी शाखाओं को सूचित करने को कहा है."
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 163वीं बैठक की मीटिंग बुलाई थी. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल ऋण देते समय 'सिबिल स्कोर' देने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
ऋण संस्थानों को मजबूत करने पर फैसला
सिबिल स्कोर बैंकों और एनबीएफसी और वित्तीय संस्थानों से उधार लेने की क्षमता का एक पैमाना है. अधिकारियों ने कहा कि इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य में जिला सहकारी बैंकों और प्राथमिक कृषि ऋण संस्थानों को मजबूत करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
समिति द्वारा प्रस्तुत लगभग 41 लाख करोड़ रुपये की वर्ष 2024-25 के लिए राज्य की वार्षिक ऋण योजना को मंजूरी दी गई. यह भी निर्देश दिया गया कि जिला स्तरीय बैंक सलाहकार समिति की बैठक के लिए आरबीआई और नाबार्ड के समन्वय अधिकारी भेजे जाएं.''
किसानों का संकट के समय साथ दें बैंक
एक अधिकारी ने कहा, ''कृषि महाराष्ट्र की ताकत है. इसलिए सरकार किसानों के पीछे मजबूती से खड़ी है. बैंकों को भी संकट के समय किसानों का साथ देना चाहिए. बैंकों को छोटे और सीमांत किसानों को फसल ऋण देने में शामिल नहीं होना चाहिए. महाराष्ट्र कृषि प्रधान और प्रगतिशील है.''
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अधिकारी ने कहा, "महाराष्ट्र ने कृषि के क्षेत्र में कई सफल प्रयोग भी किए हैं. महाराष्ट्र किसानों को प्राथमिकता देने वाले राज्य के रूप में जाना जाता है. हमारा किसान ईमानदार और स्वाभिमानी है. दुर्भाग्य से जलवायु परिवर्तन के कारण उन्हें लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है.''