इस वक्त देशभर में चर्चा का सबसे अहम मुद्दा सिर्फ बिपरजॉय तूफान ही बना हुआ है. देश के गृहमंत्री, देश के रक्षा मंत्री, तीनों सेना प्रमुख, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गुजरात के मुख्यमंत्री, आपदा प्रबंधन से जुड़ा हर कर्मचारी और मौसम विभाग सबकी नजर इस वक्त सिर्फ बिपरजॉय तूफान पर लगी हुई है. देश में कई दशकों तक तूफान की तबाही पहले देख चुके लोगों के मन में सवाल है कि क्या गुजरात के तट से टकराने वाला तूफान कल तबाही मचाएगा?
मौसम विभाग लगातार इस साइक्लोन को लेकर अलग-अलग वक्त में बुलेटिन जारी कर रहा है. ऐसे में आइए यह जान लेते हैं कि ये अब तक कहां पहुंचा है. दोपहर ढाई बजे तक के साइक्लोन नेशनल बुलेटिन के मुताबिक तूफान की स्पीड पांच किमी प्रति घंटे ही थी. लैंडफॉल यानी जहां पर गुजरात में तूफान को टकराना उस, जखाऊ पोर्ट से 260 किमी दूर था.
कराची तक जाएगा तूफान
अगर औसत अब भी यही स्पीड मानें तो पिछले सात घंटे में आशंका है कि तूफान बुधवार रात के 10 बजे तक लैंडफॉल की जगह से करीब 220 से 230 किमी दूर रहा होगा. गुरुवार शाम तक बताया जा रहा है कि ये तूफान गुजरात में मांडवी, जखाऊ पोर्ट और आगे कराची तक जाएगा. दावा है कि जब गुजरात के तटों से तूफान गुजरेगा और टकराएगा तब वेग 125 से 150 किमी प्रति घंटे तक होगा.
गुजरात में गिराया गया टावर
एहतियात के तौर पर गुजरात के द्वारका में आकाशवाणी के उस टावर को खुद ही गिरा दिया गया है जिससे आशंका है कि अगर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाएं चलीं तो ये टावर गिरना तय है. अगर तूफान की वजह से टावर गिरता तो नुकसान ज्यादा होगा इसलिए पहले ही टावर को नीचे गिरा लिया गया है.
लोगों को ढोल बजाकर किया जागरूक
गुजरात में खेड़ा के गांवों में ढोल बजाकर कहा जा रहा है कि इस आगामी तूफान से पहले कहीं ढोल बजाकर गुजरात के तटों के पास लोगों को सावधान रहने के लिए अलर्ट किया जा रहा है. यहां पर कहा जा रहा है कि अगले दो दिन घर से मत निकलिएगा. क्योंकि बारह दिन पहले यहां आई आंधी में 170 से ज्यादा घरों की छत उड़ गई थी. इस बार पहले ही ढोल बजाकर गांव वालों को अलर्ट करने में प्रशासन जुटा है.
सुबह में हल्की बारिश तो शाम को बिगड़ने लगा मौसम
इसके अलावा कहीं पर लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को आगाह किया जा रहा है कि घर से बाहर ना निकलें, कच्चे मकान में ना रहें, सुरक्षित जगह पहुंचें. तूफान की स्पीड को समझने के लिए आप कच्छ के मांडवी के हालात को समझिए.

यहां आजतक की संवाददाता गोपी घांघर की सुबह और शाम की दो तस्वीरों के जरिए फर्क समझना होगा. कच्छ के मांडवी में जहां सुबह बारिश कम थी. हवाएं तेज नहीं थीं. लहरें बहुत ऊपर नहीं थीं. वहां शाम तक बारिश होने लगी. हवाएं तेज हो गईं. लहरें ऊपर उठने लगीं.
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कितनी रफ्तार से चलेंगी हवाएं
इस तरह के तूफानों में हवा बहुत तेज होती है. इस बार के तूफान को लेकर मौसम विभाग के एक्सपर्ट बताते हैं कि कच्छ में सबसे ज्यादा विंड स्पीड रहेगी. जो 125 से 150किमी प्रति घंटे तक होगी. अनुमान के मुताबिक गुरुवार को कच्छ में इसी रफ्तार से हवाएं चलेंगी. इसके अलावा...
मोरबी में 125 से 150 किमी प्रति घंटे
जामनगर में 120 से 140 किमी प्रति घंटे
द्वारका में 120 से 145 किमी प्रति घंटे
जूनागढ़ में 100 से 120 किमी प्रति घंटे
पोरबंदर में 100 से 120 किमी प्रति घंटे
राजकोट में 100 से 120 किमी प्रति घंटे
भावनगर में 60 से 70 किमी प्रति घंटे
सुरेंद्र नगर में 60 से 70 किमी प्रति घंटे
इसके बाद तूफान तो कराची की तरफ निकल जाएगा, लेकिन हवा का वेग धीरे-धीरे कम होता जाएगा और मैदानी इलाके में हवा कल चलेगी. लेकिन रफ्तार बहुत तेज नहीं होगी. ऐसी स्थिति में जो शरण लेकर अब तटों से दूर हुए हैं वो लोग जहां शरण मिली हैं, वहीं पर भजन गा रहे हैं. इसलिए ताकि तूफान जब एकदम पास आ जाए तो तबाही ज्यादा ना फैले.
लोगों के मन में इतने सवाल
ऐसे में कई लोगों के मन में कई सवाल हैं. सवाल है कितना प्रलयंकारी होगा तूफान? तो इसका जवाब हैं, गुजरात के सात जिलों में बड़ा असर दिखेगा. तूफानी हवाओं का कहर कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिले पर सबसे ज्यादा पड़ेगा. गुरुवार को आने वाली तूफानी हवाएं झोपड़ियों और कच्चे मकान के लिए बेहद नुकसानदायक साबित होंगी. पक्के मकानों को भी नुकसान हो सकता है. पेड़ उखाडने की शक्ति, बिजली के खंभे गिराने की शक्ति कम्यूनिकेशन टावर गिराने की ताकत, पॉवर सप्लाई की लाइन को नुकसान पहुंचाने की क्षमता इस तूफान में हैं.
इस तूफान से सिग्नलिंग सिस्टम ठप पड़ सकता है. फसल से लेकर नारियल के पेड़ गिर सकते हैं.
लोगों के मन में सवाल हैं कि मौसम विभाग की तरफ संभावित नुकसान को लेकर बड़ी चेतावनी क्यों जारी करनी पड़ी. तो इसका जवाब है बिपरजॉय की विनाशकारी रफ्तार. दरअसल गुरुवार शाम तक 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेगी. एक्सपर्टस के मुताबिक 150 किलोमीटर की रफ्तार का मतलब है बड़ी तबाही. इसे आप यूं समझिए कि 150km प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा किसी इंसान को अपने साथ उड़ा सकती है. किसी कार को अपनी जगह से हिला सकती है. किसी पेड़ को उखाड़ सकती है. यानी जब तूफान आएगा तो तबाही पक्की है.
सवाल है कि कितने बजे आएगा तूफान. इसका जवाब है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुरुवार शाम पांच बजे तक जखाऊ पोर्ट से 260 किमी दूर टकराएगा. जिस वक्त तूफानी हवाएं कहर बरपाएंगी, ठीक उसी वक्त समंदर में विनाशकारी उथल-पुथल की आशंका मौसम विभाग ने जताई है.
सिर्फ आंधी-तूफान ही नहीं बारिश से भी खतरा
समंदर में क्या होगा? मौसम विभाग के मुताबिक 15 जून को अरब सागर के उत्तर-पूर्व में बहुत हलचल होगी. समंदर में 9 फीट से लेकर 20 फीट तक तूफानी लहरें उठेगी. समंदर में आने वाली हाई-टाइड से तटीय इलाकों में भारी नुकसान की आशंका है. खतरा सिर्फ समंदर से उठने वाली लहरों और तूफान का नहीं हैं, मौसम विभाग की तरफ से मूसलाधार बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है.
सवाल ये हैं कि कहां-कहां आसमानी आफत का कहर टूटेगा? मौसम विभाग के मुताबिक 15 जून को कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, रोजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की संभावना है. कुछ इलाकों में बादल फटने की संभावना भी जताई गई है. लेकिन इन सारी आशंकाओं के बीच राहत की बात ये है कि हर तरह के बचाव की तैयारी गुजरात में की गई है.
क्या होता है चक्रवात?
इन तमाम सवालों और जवाबों के बाद यह भी जान लेते हैं कि यह चक्रवात आखिर है क्या? दरअसल साइक्लोन यानी चक्रवात एक ऐसी संरचना है जो गर्म हवा के चारों ओर कम वायुमंडलीय दाब के साथ उत्पन्न होती है. जब एक तरफ से गर्म हवाओं तथा दूसरी तरफ से ठंडी हवा का मिलाप होता है तो वो एक गोलाकार आंधी का आकार लेने लगती है इसे ही चक्रवात कहते हैं. मौसम विभाग की मानें तो एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक तीव्र निम्न दबाव क्षेत्र उप-उष्णकटिबंधीय पानी के ऊपर के वातावरण में एक चक्कर है. इसकी अधिकतम गति 30 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. ये एक गोलाकार पथ में चक्कर लगाती घूमती हुई राशि होती है. इसकी गति बहुत तेज होती है. दक्षिणी गोलार्द्ध में इसे चक्रवात और उत्तरी गोलार्द्ध में हरीकेन या टाइफून, मैक्सिको की खाड़ी में इसे टारनेडो कहते हैं.
इन 9 राज्यों पर खतरा
बता दें कि मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात और महाराष्ट्र समेत 9 राज्यों पर महातूफान खौफ बनकर मंडरा रहा है. ये 9 राज्य लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और पश्चिमी राजस्थान हैं.