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US पहुंचाने के एजेंट ने लिए थे डेढ़ करोड़! 4 लोगों की मौत की जांच में जुटी गुजरात पुलिस

कनाडा पुलिस के मुताबिक मेडिकल रिपोर्ट से साफ हुआ है कि बर्फ में जम जाने के कारण सभी की मौत हुई है. पुलिस ने बताया कि पटेल परिवार 12 जनवरी को टोरंटो पहुंचा था. इसके बाद सभी सदस्य 18 जनवरी के आसपास कनाडा के इमर्सन शहर पहुंचे थे.

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US-अमेरिका बॉर्डर पर ठंड से मरने वाले परिवार की तस्वीर (फाइल फोटो)
US-अमेरिका बॉर्डर पर ठंड से मरने वाले परिवार की तस्वीर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुजरात के निवासी के तौर पर हुई परिवार के शवों की पहचान
  • मानव तस्करी को लेकर पुलिस जता रही शक

कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर -35 से ज्यादा डिग्री में ठंड की वजह से मौत के मामले में कनाडा सरकार के जरिए चार लोगों के शव को बरामद किए गए थे. जिन्हें अब कनाडा सरकार द्वारा पहचान कर ली गई है. जिनकी पहचान गुजरात के गांधीनगर जिले के दिंगुचा गांव में रहने वाले लोगों के तौर पर हुई है. ये लोग 12 जनवरी को कनाडा के लिए निकले थे. इन लोगों की मौत के बाद गुजरात पुलिस के जरिए ये जांच की जा रही है कि वो एजेंट कौन था? किसने उन सभी लोगों के कनाडा के वीजा करवाए थे और क्या वो वीजा असली था या नकली इस पर भी जांच हो रही है. 

कनाडा की  मैनटोबा रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस मरने वालों में 39 साल के जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशाली बेन (37) और उनकी बेटी विहांगी पटेल (11) साल जबकि बेटा धार्मिक पटेल (3) शामिल हैं. 

क्लिक करें: कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर 4 भारतीयों की -35 डिग्री में जमकर मौत, विदेश मंत्री ने राजदूतों से तलब की रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक जैसे ही परिवार को मौत की खबर आयी, वैसे ही पूरे गांव में मातम छा गया. दरअसल, परिवार वालों के मुताबिक जगदीश कुमार पटेल अपने पूरे परिवार के साथ 12 जनवरी को कनाडा के लिए निकले थे. ऐसे में लोगों को सिर्फ यही पता था कि वो कनाडा जा रहे हैं. लेकिन इस तरह से उनके साथ कोई हादसा हुआ है ये जानकारी उनके पास नहीं थी. 

बताया जा रहा है कि जगदीश पटेल अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए गांधीनगर के कलोल में रहने लगे थे, जहां वो अपनी इलेक्ट्रिक शॉप चलाते थे. वहीं पुलिस अब इस मामले में ये भी जांच कर रही है कि जो वीजा और जो पासपोर्ट थे क्या वो असली थे या नकली थे? सूत्रों के मुताबिक जगदीश पटेल और उनके परिवार के सदस्यों को अमेरिका तक पहुंचाने के लिए एजेंट के जरिए डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा वसूल किए गए थे. हालांकि अब पुलिस इस पूरे मामले में छानबीन कर रही है. 
 

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