कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने शनिवार रात सोशल मीडिया पर 'कांग्रेस AP ग्रुप' नाम से अलग संगठन बनाने का पोस्ट कर सियासी हड़कंप मचा दिया था. पोस्ट में उन्होंने गुजरात में कांग्रेस की लगातार हार, कार्यकर्ताओं में निराशा और 2024 में भरूच लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी को देने के फैसले पर गहरी नाराजगी जताई थी.
मामला इतना तूल पकड़ गया कि रातों-रात अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल को सामने आकर सफाई देनी पड़ी. मुमताज ने लिखा, 'मेरे भाई के विचार पूरी तरह निजी हैं, मैं उनसे सहमत नहीं हूं.' अब फैसल पटेल ने महज 24 घंटे के अंदर अपने पोस्ट को लेकर स्पष्टिकरण जारी कर दिया है. वह 30 नवंबर को अपने पिता की जन्म और कर्मभूमि पिरामण गांव पहुंचे और 'कांग्रेस AP ग्रुप' ग्रुप बनाने वाले अपने बयान से पूरी तरह पलट गए.
उन्होंने अहमद पटेल के समर्थकों व मीडिया के सामने हाथ जोड़कर कहा, 'मैं कांग्रेस का एक मामूली कार्यकर्ता हूं. हाईकमान जो कहेगा, वही करूंगा. सोशल मीडिया पर मेरे द्वारा किया गया पोस्ट सिर्फ कार्यकर्ताओं और समर्थकों की राय जानने के लिए ओपिनियन पोल था. न मैंने कोई अलग ग्रुप बनाया है, न बनाऊंगा.' हालांकि, फैसल ने कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली को लेकर अपनी पीड़ा नहीं छिपाई.
उन्होंने कहा, 'बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्यों में कांग्रेस की लगातार हार से पार्टी कार्यकर्ता दिशाहीन हो गए हैं. 2024 में भरूच सीट AAP को देने से भरूच-नर्मदा के हजारों वफादार कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज होकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी में चले गए. इससे पार्टी को भारी नुकसान हुआ.' कांग्रेस के गुजरात प्रभारी मुकुल वासनिक और प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने भी फैसल के पोस्ट के बाद उनसे फोन पर बात की थी.
Just to clarify …I have no plans to join any new political party or be part of any new initiative. My brother’s views and decisions are entirely his own. Please do not link me to this. Thank you 🙏
— Mumtaz Patel (@mumtazpatels) November 29, 2025
सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने स्पष्ट संदेश दिया कि पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है. इसके बाद फैसल ने तुरंत अपना स्टैंड बदल लिया. गुजरात कांग्रेस अब दावा कर रही है कि पूरा विवाद खत्म हो चुका है और फैसल पटेल पूरी तरह पार्टी के साथ हैं. अहमदभाई मुहम्मदभाई पटेल (21 अगस्त 1949 - 25 नवंबर 2020), जिन्हें अहमद पटेल के नाम से जाना जाता था, वह लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे. पटेल ने भारतीय संसद में आठ बार गुजरात का प्रतिनिधित्व किया है; तीन बार लोकसभा (1977-1989) में और पांच बार राज्यसभा (1993-2020) में. वह कांग्रेस पार्टी के (2018-2020) के कोषाध्यक्ष भी रहे. (विक्की जोशी के इनपुट के साथ)