पिछले डेढ़ महीने से केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के 30 किसान संगठनों ने बातचीत के लिए केंद्र सरकार का न्योता स्वीकार कर लिया है. यह फैसला गुरुवार को चंडीगढ़ में आयोजित किसान संगठनों की एक संयुक्त बैठक में लिया गया.
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने बताया कि वे शुक्रवार को केंद्र के दो मंत्रियों के साथ मिलकर हाल ही में वजूद में आए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करेंगे.
बैठक में फैसला लिया गया है कि सभी किसान संगठन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल के साथ शुक्रवार को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे ताकि पंजाब में रेलगाड़ियों की आवाजाही सुनिश्चित की जा सके.
नतीजे की उम्मीद नहीं दिख रही
भारतीय किसान यूनियन (कादिया) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादिया ने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित की जा रही बैठक सरकार और कृषि संगठनों के बीच बातचीत की शुरुआत भर है, क्योंकि पहली बैठक में शायद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके.
कादिया ने कहा कि केंद्र सरकार किसान संगठनों से बातचीत करने के लिए कितनी गंभीर है उसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में प्रस्तावित प्रदर्शन के आयोजन को पुलिस ने अनुमति नहीं दी है.
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किसान नेता कादिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल किसानों के खिलाफ करने पर आमादा है. उन्होंने कहा कि पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी किसानों से मिलने वाले थे लेकिन अब उन्होंने इस बैठक से किनारा कर लिया है.
किसान संगठनों ने कहा है कि पंजाब के हजारों किसान 26 और 27 नवंबर को ट्रैक्टरों के जरिए दिल्ली पहुंचेंगे और केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह दीपसिंहवाला ने कहा कि किसान संगठन दिवाली के मौके पर टॉर्च जलाकर केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करेंगे.