पिछले दिनों पुणे में Ernst & Young कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल (26) की मौत हो गई थी. अन्ना की अचानक मौत के बाद उनकी मां ने कंपनी को एक खुला पत्र लिखा था और वर्क लोड का आरोप लगाया था. अब कंपनी ने सफाई देते हुए बयान जारी किया है. Ernst & Young India के चेयरमेन राजीव मेमानी ने गुरुवार को अन्ना की मौत के पीछे 'वर्क लोड' के दावों का खंडन किया है. पीड़िता के मां के द्वारा लिखी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कंपनी ने ये बयान जारी किया है.
इस मुद्दे पर बोलते हुए चेयरमेन राजीव मेमानी ने कहा, "अन्ना को अन्य कर्मचारियों की तरह ही काम असाइन किया गया था और उन्होंने इस संभावना से भी इनकार किया कि वर्क लोड की वजह से महिला कर्मचारी की मौत हुई होगी."
'हमें नहीं लगता कि वर्क लोड...'
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव मेमानी ने कहा, "हमारे पास करीब एक लाख कर्मचारी हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि हर किसी को हार्ड वर्क करना पड़ता है. अन्ना ने हमारे साथ सिर्फ चार महीने काम किया, उन्हें किसी भी अन्य कर्मचारी की तरह काम दिया गया था. हमें नहीं लगता कि वर्क लोड ने उनकी जान ली होगी." मेमानी ने अन्ना की मौत पर भी शोक जताया और इसे Ernst & Young India और उसके सभी कर्मचारियों के लिए एक भरपाई न हो सकने वाला नुकसान बताया.
कंपनी के चेयरमेन ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा, "अन्ना चार महीने के लिए पुणे में E&Y Global की मेंबर फर्म SR Batliboi की ऑडिट टीम का हिस्सा थीं, जो 18 मार्च 2024 को फर्म में शामिल हुईं. हम उनका करियर इस तरह खत्म हो जाने से दुखी हैं. हालांकि, कोई भी उपाय परिवार द्वारा अनुभव किए गए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है, हमने हमेशा की तरह इस तरह के संकट के वक्त में हर तरह की सहायता दी है और ऐसा करना जारी रखेंगे."
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'कर्मचारी की मां के पत्र पर कंपनी का जवाब'
मेमानी ने बताया कि उन्होंने अनीता ऑगस्टीन (अन्ना की मां) द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र का जवाब दिया है और व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाने के अलावा हर मुमकिन सहायता का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा, "हम परिवार के पत्र को अत्यंत गंभीरता और विनम्रता के साथ ले रहे हैं. हम सभी कर्मचारियों की भलाई को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं और भारत में EY मेंबर फर्मों में अपने एक लाख लोगों के लिए बेहतर वर्क प्लेस मुहैया करने और उन्हें बेहतर बनाने के तरीके तलाशते रहेंगे."
अन्ना की मां ने बताया कि EY में उनकी बेटी की पहली जॉब थी और अन्ना इस कंपनी में शामिल होने के लिए 'उत्साहित' थी. उन्होंने अन्ना को एक "योद्धा" बताया, जिसने स्कूल और कॉलेज दोनों में बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपनी सभी परीक्षाओं में अव्वल स्थान प्राप्त किया. उनके मुताबिक, अन्ना ने EY में बिना थके हुए मेहनत की और नौकरी की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया.
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