केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की 7वीं शीर्ष स्तरीय बैठक की. इस बैठक के दौरान, उन्होंने "ड्रग तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई" की अपील की और कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियों को ड्रग व्यापार में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शना चाहिए. उन्होंने कहा कि नशे की जांच के लिए सस्ती किट मुहैया कराई जाएगी, जिससे नशे संबंधी मामलों पर लगाम लगाना आसान होगा.
इनके अलावा, अमित शाह ने भारत की पहली राष्ट्रीय टोल-फ्री एंटी-नारकोटिक्स हेल्पलाइन लॉन्च की है, जिसे 'MANAS' (मादक पदार्थ निषेध सूचना सेवा) कहा जाता है. मानस हेल्पलाइन (1933) का मकसद नागरिकों को ड्रग से संबंधित मामलों की गुमनाम रूप से रिपोर्ट करने और नशामुक्ति और पुनर्वास पर सलाह लेने के लिए एक मंच मुहैया कराना है. इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए एक वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है.
यह भी पढ़ें: बीजेपी करेगी बड़ा मंथन, सभी CM और डिप्टी CM को बुलाया, PM मोदी और अमित शाह भी होंगे शामिल
नार्को-आतंकवाद की तरह है नशे का व्यापार
मानस की शुरुआत मोदी सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में देश में नशे के खतरे से निपटने की कोशिशों का हिस्सा है, जिसे संरचनात्मक, संस्थागत और सूचनात्मक सुधारों पर केंद्रित किया गया है. सरकार नशे के व्यापार को नार्को-आतंकवाद से जुड़ा हुआ मानती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है.
नशे की जांच के लिए मुहया कराई जाएगी किट
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मानस पोर्टल के साथ ही कई अन्य पहल भी की गई हैं, जिन्हें राज्यों और जिलों की हर इकाई तक पहुंचाना होगा. उन्होंने कहा कि राज्यों को अपने बजट का एक हिस्सा नारकोटिक्स फोरेंसिक पर खर्च करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही नारकोटिक्स की प्राथमिक जांच के लिए सस्ती दर पर किट उपलब्ध कराने जा रही है जिससे केस दर्ज करना बहुत आसान हो जाएगा.
यह भी पढ़ें: 'हुड्डा साहब, हिसाब आपको देना है 10 साल के कुशासन का', OBC सम्मेलन में गरजे अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नशा मुक्त भारत अभियान को अच्छे से लिया है और सभी धार्मिक, युवा और रोटरी संगठनों को इससे जुड़ना चाहिए. अमित शाह ने कहा कि नशे के खिलाफ इस लड़ाई में हमें अभी बहुत आगे जाना है और अब हमें इसकी गति और दायरा बढ़ाना है.